द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में कोरोना वायरस के मामले रोज़ तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में बिहार में विधानसभा चुनाव कराने का कोई औचित्य नहीं हैं. आम जनता के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए मैं भारतीय निर्वाचन आयोग से अपील करता हूं कि चुनाव को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए. चुनाव तभी कराएं जाने चाहिए जब कोरोना वायरस महामारी का खतरा ना हो. उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कही. वे पार्टी की कार्यकारिणी बैठक के दौरान ज़िला अध्यक्षों को संबोधित कर रहे थे. बैठक की अध्यक्षता बिहार प्रदेश अध्यक्ष रघुपति सिंह ने की.
नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि 2015 के चुनाव में वोट चाहिए था तो नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से गठबंधन कर लिया और अब 15 साल के जंगल राज का डर दिखा रहे हैं. क्या उस वक्त नहीं मालूम था कि लालू प्रसाद के राज में अपराधियों को संरक्षण मिल रहा था? नीतीश कुमार को सिर्फ सत्ता की चाहत है. इसके लिए वो किसी भी पार्टी से गठबंधन कर सकते हैं. उन्होंने गरीबों और मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान उनके हाल पर छोड़ दिया. मजदूरों के पास न अनाज था और न ही पैसे। फिर भी उनकी चिंता नहीं की.
राज्य की कानून व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि सिर्फ सुशासन का राग अलापने से कानून व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो जाती. हर रोज़ हत्या, बलात्कार, लूट की खबरें सामने आ रही है. अपराध का ग्राफ लगतार बढ़ता जा रहा है. राजधानी पटना में व्यापारी वर्ग अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता. दूसरे जिलों की बात तो छोड़ ही दीजिए. यदि हम इस बार सत्ता में आते हैं तो हमारी तीन मुख्य प्राथमिकताएं होगीं – बेटियां रात के बारह बजे भी निर्भीक होकर घूम सकेंगी, राज्य से पलायन नहीं होगा तथा अपराधियों का डर और खौफ ख़त्म होगा.
आगे उन्होंने कहा कि कि चाहे चमकी बुखार हो या पटना में जलजमाव, सीएए-एनआरसी का विरोध करना हो या लॉकडाउन के दौरान गरीब जनता के बीच राशन बांटना हो. हमारी पार्टी हर मुसीबत में लोगों के बीच रही और करोड़ों लोगों की मदद की. इन बुरे हालातों में सत्ता पक्ष के नेता तो गायब रहे ही साथ ही विपक्ष के नेता भी अपने-अपने घरों में कैद रहें.