नई दिल्ली : कोरोना संकट से उपजे हालातों पर मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. देश के मौजूदा हालात को देखते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक चल रही है. बैठक की शुरुआत में चक्रवाती तूफान अम्फान में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद सोनिया गांधी ने मीटिंग की शुरुआत की.
बैठक में विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से तुरंत अम्फान चक्रवाती तूफान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया और प्रभावित राज्यों को इस आपदा के प्रभाव से निपटने में मदद की मांग की. चक्रवाती तूफान को लेकर विपक्षी दलों ने कहा कि इस समय, राहत और पुनर्वास सबसे प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए. लेकिन इस तरह की आपदा के परिणामस्वरूप अन्य बीमारियों के प्रकोप की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. इसके बाद, विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से नागरिकों, देशवासियों को तत्काल सहायता मुहैया कराये जाने का आह्वान किया.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोनिया गांधी की अगुवाई में होने वाली बैठक में 22 दलों के नेता हिस्सा ले रहे हैं. विपक्षी दलों की बैठक में आरजेडी की तरफ से राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा, आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. वहीं कांग्रेस द्वारा बुलाई गई राजनीतिक दलों की बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल सपा और बसपा हिस्सा नहीं ले रहे हैं वहीं अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी इससे किनारा कर लिया है.
बता दें कि ममता बनर्जी शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ बंगाल में तूफान प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगी. इसलिए ममता बनर्जी इस बैठक में कुछ देर बाद शामिल होंगी, लेकिन उससे पहले टीएमसी की ओर से डेरेक ओ ब्रायन हिस्सा लेंगे. इससे पहले तक विपक्षी दलों की बैठक से ममता बनर्जी और शिवसेना दूरी बनाए रखती थी, लेकिन पहली बार दोनों शामिल हो रहे हैं.
हालांकि, इस बैठक में आम आदमी पार्टी की ओर से कोई शामिल नहीं होगा. आप के सूत्रों के मुताबिक, उन्हें इस बैठक के लिए निमंत्रण नहीं मिला. वहीं, उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने भी विपक्षी दल की बैठक में भाग लेने पर अभी तक फैसला नहीं किया है. माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जिस तरह से सक्रिय हैं, उसे देखते हुए ये दोनों प्रमुख दल शामिल नहीं हो रहे हैं.
कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के मुख्य एजेंडे में सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों, प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा, उनकी समस्याएं व सरकार द्वारा उनका सही तरह से निराकरण न कर पाना, मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की असलियत जैसे तमाम मुद्दों पर संयुक्त रणनीति पर चर्चा करेंगे.
कोरोना संकट के बाद विपक्षी दलों की यह पहली बार बैठक होने जा रही है, जो काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस बैठक में कोरोना संकट के बहाने मोदी सरकार को घेरने की संयुक्त रणनीति पर मंथन किया जाएगा. लेफ्ट के साथ-साथ ममता बनर्जी का बैठक में शामिल होना काफी अहम माना जा रहा है और ऐसे ही शिवसेना का इस बैठक में हिस्सा लेना भी काफी महत्वपूर्ण है.