द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है. पटना एम्स को अब कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल बनाया जाएगा. जिसके बाद यहां सिर्फ कोविड-19 मरीजों की जांच और कोरोना संक्रमितों का ही इलाज किया जाएगा.
पटना एम्स में कोरोना मरीजों के लिए अब 50 की बजाय 500 बेड उपलब्ध होंगे. अस्पताल प्रशासन इसकी तैयारी पूरी कर चुका है. अगले तीन से चार दिनों में इसकी घोषणा भी हो जाएगी. इसके बाद यहां कोरोना के सिवा अन्य किसी भी बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज अगले आदेश तक बंद रहेगा. फिलहाल एम्स में कोरोना आइसोलेशन वार्ड में संक्रमितों के लिए 50 बेड उपलब्ध हैं.
एम्स निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि एम्स में सामान्य इमरजेंसी और कोरोना संक्रमित दोनों प्रकार के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. ऐसे में दोनों मरीजों के साथ पूरी तरह से न्याय नहीं हो पा रहा है. ऐसे में यह यदि कोविड अस्पताल होगा तो उनके लिए बेहतर होगा. यदि सामान्य मरीजों के लिए संचालन होगा तो उनके लिए बेहतर होगा. यही कारण है कि किसी एक तरह का समर्पित अस्पताल होने से मरीजों के साथ ज्यादा न्याय हो सकेगा.
कोरोना अस्पताल में तब्दील होने के बाद एम्स में इमरजेंसी मरीज भी भर्ती नहीं लिए जाएंगे. अभी यहां का सामान्य ओपीडी पिछले तीन महीने से पूरी तरह से बंद है. सिर्फ कोविड-19 जांच के लिए यहां एक अलग ओपीडी चल रहा है. इसके अलावा गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवा यहां जारी थी. एम्स का इमरजेंसी बंद हो जाने के बाद ऐसे मरीजों का सारा दबाव पीएमसीएच और आईजीआईएमएस जैसे संस्थानों पर आ जाएगा.