जमुई : कोविड-19 बीमारी से संक्रमित मरीजों की संख्या देश एवं बिहार राज्य में लगातार बढ़ रही है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 24 मार्च से लगाया गया लॉकडाउन आज चौथे फेज में पहुंच गया है. लॉकडाउन की वजह से कामकाज ठप हो जाने के कारण अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी लोगों का अपने गृह जिला में वापसी लगातार जारी है. अन्य राज्यों से भारी संख्या में प्रवासी लोगों के आने से बिहार राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. प्रवासियों के घर वापसी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार के द्वारा कई एहतियातन उपाय भी किए जा रहे हैं.
जमुई जिला अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने समाहरणालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि देशभर के अंदर राज्यों में फैले कोरोना संक्रमण के अनुसार उन राज्यों को तीन श्रेणी में रखा गया है. ग्रुप-ए श्रेणी में हाई रिस्क एरिया के राज्य जैसे महाराष्ट्र गुजरात दिल्ली एनसीआर सहित वैसे राज्य जहां भारी संख्या में कोरोना वायरस के मरीज हैं. ग्रुप बी में वैसे राज्य जहां इक्के दुक्के कोरोना संक्रमित मरीज की संख्या है तो ग्रुप सी में वैसे राज्य जहां कोरोना वायरस मरीज अभी तक नहीं मिले हैं.
सरकार के निर्देशानुसार अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासी लोगों को ध्यान में रखते हुए जिले के अंदर प्रखंड मुख्यालय में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में अब सिर्फ ग्रुप ए से संबंधित हाई रिस्क राज्यों के लोगों को ही को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने की व्यवस्था की गई है जबकि ग्रुप बी एवं सी के लोगों को रजिस्ट्रेशन एवं स्वास्थ्य जांच कर उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है. ग्रुप बी एवं सी एरिया के राज्यों से आने वाले लोगों में जांच के दौरान अगर सिम्टम्स पाए जाते हैं तो उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही सभी ग्रुप के राज्यों से आने वाले लोगों को एक हजार राहत राशि के रूप में देने की व्यवस्था की गई है.
जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के लोग महामारी से बचाव के लिए पूर्णतया सजग हैं बाहर से आने वाले राज्यों से आने वाले लोगों से ग्रामीण सुरक्षा के मद्देनजर गांव या पंचायत के विद्यालय में उन्हें अपने खर्च पर रख सकते हैं वैसे प्रवासी लोग भी होम आइसोलेशन ही माने जाएंगे. जमुई जिले के विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे अलग-अलग ग्रुप राज्यों से आए प्रवासी लोग 14 दिन की अवधि पूरा होने के बाद ही वह अपने-अपने घर को जा सकेंगे.
नंदन निराला की रिपोर्ट