RANCHI: नन्हें राजवीर को बचाने के लिए 16 करोड़ के इंजेक्शन का इंतजार है. दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है मासूम राजवीर का पूरा शरीर शिथिल पड़ चुका है। रांची के रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में पिछले कई दिनों से एडमिट है राजवीर। डॉक्टर कह रहे हैं कि राजवीर को ‘ स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -1 ’ नाम की बीमारी ने जकड़ रखा है। बच्चे को बचाने के लिए उसे जोलजेस्मा इंजेक्शन लगाना होगा। दिक्कत यह है कि यह इंजेक्शन सिर्फ अमेरिका में ही मिलता है,जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है। अमेरिका से भारत लाने पर टैक्स आदि मिलाकर एक इंजेक्शन की कीमत करीब 22 करोड़ रुपये हो जायेगी। डॉक्टर कह रहे हैं कि राजवीर की जिंदगी बचानी है , तो यह इंजेक्शन जरूरी है। अब राजवीर के पिता राहुल प्रसाद कह रहे हैं कि वह प्राइवेट जॉब करते हैं। उनकी इतनी हैसियत नहीं कि वह अपने बच्चे के लिए इतना महंगा इंजेक्शन खरीद सकें । उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगायी है ।
राजवीर का परिवार चिंतित
खूंटी निवासी राजवीर के पिता राहुल प्रसाद इतनी ज्यादा कीमत के इंजेक्शन लगा पाने में असमर्थ है. उनके पास इतना पैसा नही है कि राजवीर को इतना महंगा इंजेक्शन लगवा सके. वह प्राइवेट जॉब करते हैं औऱ उनकी हैसियत यह इंजेक्शन लगवाने की नहीं है. उन्होंने केंद्र व सरकार से मदद की गुहार लगाई है. राहुल प्रसाद ने बताया कि जन्म के करी दो महीने बाद बच्चे को सर्दी-खांसी और कफ हुआ, तो उन्होंने रांची के एक चाइल्ड स्पेशलिस्ट को दिखाया. जुलाई में फिर राजवीर को सर्दी-खासी हुई तो अरगोड़ा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया . उसकी सेहत में सुधार न होता देख रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल लेकर आए है.यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद रिपोर्ट देखी और स्पाइनल मस्कुलकर एट्रोफी टाइप-1 की पुष्टि की. डॉक्टर ने बच्चे को बाहर ले जाने की सलाह दी है और राजवीर को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है.
आनुवंशिक बीमारी
रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि राजवीर की बीमारी बेहद गंभीर है , अगर अमेरिका से मंगवाकर इंजेक्शन मिल भी जाए तो लगवाने के लिए एम्स दिल्ली ले जाना होगा. क्योंकि, यह इंजेक्शन वहीं लगाया जाता है. उन्होंने राजवीर की बीमारी को आनुवांशिक बताया, जो माता या पिता के जरिए बच्चे में आती है. जो किसी भी उम्र में हो सकती है.
रांची से तन्य खंडेलवाल की रिपोर्ट