PATNA: पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ जगन्नाथ मिश्र की 85 वी जयंती के मौके पर पटना में एक कार्यक्रम का आय़ोजन किया गया। विद्यापति भवन में चेतना समिति बिहार पटना के तत्वधान में जयंती बड़े ही धूमधाम और आत्मीयता के साथ मनाई गई। समारोह की शुरुआत मिथिला की प्रसिद्ध गोसाउनिक ( भगवती गीत ) से हुई। आगत मुख्य विशिष्ट अतिथियों के द्वारा डॉ मिश्र के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। अतिथियों को गुलदस्ता प्रतिक्षण वस्त्र से सम्मानित किया गया। डॉ मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का वीडियो प्रदर्शन किया गया। तदुपरांत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ।
चेतना समिति के सचिव उमेश मिश्र ने अपने स्वागत संबोधन में समिति की गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि स्वर्गीय डॉ जगन्नाथ मिश्र जब तक जिए तब तक मिथिला एवं मैथिली के उत्थान हेतु कार्य करते रहे मिथिलांचल के यशस्वी सुपुत्र थे।
जयंती समारोह के मुख्य अतिथि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि स्वर्गीय डॉ जगन्नाथ मिश्र बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहे। उनके मुख्यमंत्री काल में संयुक्त बिहार बिहार और झारखंड का चहुमुखी विकास हुआ। विशिष्ट अतिथि बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने डॉक्टर मिश्र को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि वे न सिर्फ मिथिला बल्कि संपूर्ण बिहार के धरोहर हैं। उनकी सरकार में बिहार के शिक्षा जगत का काफी विकास हुआ था। वे स्वयं भी एक अर्थशास्त्री थे। जिन्होंने अपने कार्यकाल में बिहार की राजकीय आमदनी को काफी बढ़ाया था। पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा, डॉ रत्नेश वर्मा, संजीव मिश्र आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
समारोह के अध्यक्षीय संबोधन में चेतना समिति के अध्यक्ष विवेकानंद झा ने कहा कि डॉ जगन्नाथ मिश्र मैथिली भाषा एवं संस्कृति के विकास के लिए अनवरत सक्रिय प्रयास करते रहे। आज उनकी कमी हम सभी को काफी खलती है
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समारोह में बिहार के विभिन्न जिलों से सैंकड़ों लोगों ने शिरकत की। समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं विधायक नीतीश मिश्र ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं अपने बाबू जी की जनसेवा को आगे बढ़ा रहा हूं। उन्होंने इस जयंती समारोह में आए सभी आंगतूको को का आभार व्यक्त किया।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट