द एचडी न्यूज डेस्क : नीति आयोग की रिपोर्ट बिहार के लिए बुरी खबर बनकर आई है. इस रिपोर्ट ने बिहार को न सिर्फ पिछड़ा बताया है, बल्कि 51 प्रतिशत बिहारवासियों को गरीबों की श्रेणी में भी खड़ा कर दिया है. रिपोर्ट के आने के बाद बवाल मचा हुआ है. विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है. इधर, नीतीश के मंत्री बीच बचाव करने में लगे हुए हैं. इसी क्रम में नीतीश सरकार में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए अपनी भड़ास निकाली है.
चौधरी ने कही ये बात
उन्होंने सोमवार को कहा कि जिस आधार पर बिहार को गरीब साबित किया गया है, नीति आयोग उन मानदंडों का खुलासा करे. चौधरी ने मांग उठाई कि नीति आयोग बताए कि किस आधार पर बिहार को सबसे निचले पायदान पर रखा गया है. नीति आयोग एक स्वतंत्र इकाई है, इसलिए उसे अपनी इस रिपोर्ट से जुड़ी क्राइटेरिया का खुलासा करना चाहिए.
तेजस्वी को बताया अनपढ़
वहीं, जब पत्रकारों ने जब पूछा कि तेजस्वी यादव नीति आयोग की इस रिपोर्ट का हवाला देकर सरकार पर सवाल उठा रहे हैं तो अशोक चौधरी ने उन्हें अनपढ़ कह दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें पढ़ना कहां आता है कि वो नीति आयोग की रिपोर्ट को समझेंगे. बहरहाल, भवन निर्माण मंत्री के बयान से लगता है कि रिपोर्ट के सामने आने के बाद नीतीश सरकार बेहद गुस्से में है. लेकिन मंत्री की खीझ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर उतर गई है.
बता दें कि इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने नीति आयोग के रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि नीति आयोग के काम करने का तरीका ही अव्यावहारिक और अप्रासंगिक है. हम लोग नीति आयोग के सामने अपना पक्ष रखेंगे. हम उम्मीद रखते हैं कि हमारे पहले के लिखे गए पत्र पर नीति आयोग को विचार करना चाहिए.
संतुलित पैमाना बनाए नीति आयोग
नीति आयोग की रिपोर्ट पर शिक्षा मंत्री ने कहा था कि आयोग के विकास मापने का पैमाना ही अव्यावहारिक व अवास्तविक है. विकसित और विकासशील प्रदेशों का विकास दर या विकास की जर्नी एक ही पैमाने से नापते हैं तो ये तरीका बिल्कुल गलत है. ये तो एक तरह से अपने संसाधनों के बूते जोर लगाकर विकास कर रहे राज्यों को हतोत्साहित करने जैसा है. नीति आयोग पहले एक संतुलित पैमाना बनाए कि जो विकसित प्रदेश होंगे, उनकी जो गति और संसाधन होंगे, वो विकासशील राज्यों से अलग होंगे. बिहार जैसा गरीब प्रदेश कैसे उनसे प्रतिस्पर्धा कर सकता है. ये नीति आयोग को समझना होगा.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट