PATNA: बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है। हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी के महागठबंधन से अलग होने के बाद पहली बार सीएम नीतीश ने मांझी पर करारा हमला बोला है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने हम सुप्रीमो पर अप्रत्यक्ष रुप से बड़ा आरोप लगा दिया है। उन्होंने मांझी को घर का भेदिया करार दे दिया है। सीएम नीतीश ने कहा कि जीतन राम मांझी से अपनी पार्टी को जेडीयू में मर्ज करने के लिए कहा गया था। वे इस बात सहमत नहीं हुए और महागठबंधन से अलग हो गए। आने वाले 23 जून को विपक्षी एकता की बैठक में अगर जीतन राम मांझी ने शामिल होते तो वो मीटिंग में होने वाली बातों को बीजेपी से शेयर कर देते।
आपको बता दें कि जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन के नीतीश कैबिनेट छोड़ने के बाद शुक्रवार को जेडीयू विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली है। राजभवन में हुए कार्यक्रम में शामिल होने के सीएम नीतीश ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जीतनराम मांझी हमलोगों के साथ भी बात करते थे और भाजपा नेताओं से भी बात करते थे। इसलिए हम लोगों ने उनसे कहा था कि वह अपनी पार्टी को जेडीयू में मर्ज कर दीजिए ।
सीएम ने कहा कि उन्हें मालूम था कि वह कुछ ऐसा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता की 23 जून को पटना में बैठक होने वाली है। जीतनराम मांझी अगर उस बैठक में शामिल होते तो वह पूरी बात जाकर बीजेपी को बता देते ।
वहीं मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवाल पर यह भी कहा कि केंद्र का यह अधिकार है कि वह लोकसभा का चुनाव पहले करा सकती है। भाजपा पूर्व में ऐसा कर भी चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी एकता की बात से भाजपा ऐसा कर सकती है कि नुकसान कम से कम करने के लिए वह चुनाव पहले करा दें।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट