पटना : संस्कृति और पुरातात्विक धरोहरों से समृद्ध राजगीर की वादियों के साथ ही मुंगेर, जमुई, नवादा, भागलपुर, बक्सर, बाल्मीकि नगर और तिलौथू की पहाड़ियों और घने वनों में फिल्म सिटी निर्माण की अपार संभावनाएं हैं. जो लाखों लोगों को रोजगार देने वाला हब बन कर बिहार के नव निर्माण के नीतीश कुमार के सपने को पंख दे सकता है. उक्त बातें मशहूर अदाकारा नरगिस की भतीजी फिल्म अभिनेत्री जाहिदा के सुपुत्र और ख्यातिलब्ध समाजसेवी स्वर्गीय रविनंदन सहाय के अनुज फिल्म निर्माता-निर्देशक निलेश नंदन ने कही.
शुरू में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा और बिहार आर्ट थिएटर के सौजन्य से स्थानीय ‘सहाय सदन’ में संपन्न कार्यक्रम में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने नीलेश नंदन सहाय को प्रतीक चिन्ह और शॉल देकर ‘बिहार गौरव’ से सम्मानित किया और उन्हें आश्वस्त किया कि वे स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातेँ करेंगे और बिहार मे बड़े पैमाने पर फिल्म सिटी निर्माण के लिए सरकार कार्ययोजना बनाएगी. उनका कहना था कि बड़े बड़े पुल पुलिया और मेट्रो रेल के विकास के साथ ही राजगीर, नालंदा, विक्रमशिला, दरभंगा और अब बाल्मीकि नगर को बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने की योजना धरातल पर आ चुकी है जिससे बिहार मे फिल्म निर्माण की सम्भावनाएं बढ़ती जा रही हैं.
दोपहर मोटर साइकिल जुलूस के साथ सहाय सदन पहुंचे निलेश नंदन सहाय ने नीतीश सरकार से मिले संकेतों का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में फिल्म सिटी के निर्माण का सपना अब कुछ कदमों की बात नजर आ रही है. इसके लिए जल्दी ही बिहार के रंगकर्मियों के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे. ताकि बिहार को फिल्म प्रस्तुतीकरण और पर्यटन का विशाल हब बनाने की कार्ययोजना को गति मिले.
प्रारम्भ में वरिष्ठ रंगकर्मी कुमार अनुपम ने स्वागत करते हुए बिहार के रंगकर्मियों की दुर्दशा का जिक्र किया और कहा कि फिल्म उद्योग के विकास के लिए एक स्वतंत्र मंत्रालय होना चाहिए. क्योंकि यह विषय बिहार की अर्थ व्यवस्था को नई ऊचाईयों पर ले जाने वाला है और रोजगार की अपार संभावनाएं भी बनेंगी. क्योंकि पर्यटन क्षेत्रों का विकास भी फिल्म सिटी की स्थापना से ही जुड़ा हुआ है. वहीं प्रो. निर्मल श्रीवास्तव ने सभा की अध्यक्षता करते हुए नीलेश नंदन को बिहार पुत्र बताया और उनसे आग्रह किया कि अब पटना मे रह कर वे बिहारी प्रतिभाओं को फिल्मी मंच तक पहुंचाने का कार्य करें.
नीलेश नंदन ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार पब्लिक प्राइवेट मोड पर फिल्म सिटी के निर्माण के लिए पहल करे तो हज़ारों युवा युवतियों के लिए बिहार में रोजगार का अवसर का इंतेजाम हो सकता है. जिसके लिए पटना के रंगमंचीय गतिविधि का हब कहलाने वाले कालिदास रंगालय और प्रेमचंद रंगशाला को थिएटर ट्रेनिंग स्कूल के रूप में एनएसडी का क्षेत्रीय केंद्र बनाए जाने की जरूरत है. बिहार में फिल्म निर्माण के विभिन्न तकनीकी स्टूडियों स्थापित हो जाएं तो मुंबई और साउथ के फिल्म स्टूडियों में बनने वाली फ़िल्में बिहार में बनने लगेगी और बिहारी प्रतिभाओं को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा.
मालूम हो कि निलेश नंदन सहाय स्थापित निर्देशक-निर्माता हैं. जिन्होंने 200 से ज्यादा ऐड फ़िल्मों में 100 से अधिक बिहारी प्रतिभाओं को आगे बढ़ा चुके हैं. बतातें चलें कि संविधान सभा के सदस्य और बाद में मुजफ्फरपुर के लोकसभा सांसद स्वर्गीय श्याम नंदन सहाय के ये पोते हैं. नीलेश नंदन सहाय के सहयोगी नयन कुमार ने बिहार मे नैशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन का केंद्र खोले जाने की वकालत की. धन्यवाद ज्ञापन सुजीत वर्मा ने किया. मौके पर फिल्म अभिनेता रमेश सिंह, मधुकांत श्रीवास्तव के साथ अमिताभ वर्मा, शालिनी सिन्हा, डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा, मनोज कुमार मनोज, अरुण कर्ण, अपलेन्द्र अप्पू और आशुतोष नारायण सिन्हा आदि उपस्थित थे.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट