रांची ब्यूरो
रांची: राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को प्रोजेक्ट भवन, रांची से नीलाम्बर-पीताम्बर जल-समृद्धि योजना का शुभारंभ किया। उद्घाटन कार्यक्रम में राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर भी उपस्थित थे। मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि नीलाम्बर-पीताम्बर जल-समृद्धि योजना से गढ़वा-पलामू और लातेहार के किसानों को लाभ होगा। झारखंड का अधिकांश भू-भाग पठारी क्षेत्र है। राज्य की जमीनी भौगोलिक बनावट उबड़-खाबड़ है। जिसके कारण अधिकांश वर्ष जल बह कर राज्य से बाहर चला जाता है। पानी की अनुपलब्धता के कारण राज्य में अधिकतर खरीफ की ही खेती होती है।
उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले वर्षापात का संरक्षण करने से जल की उपलब्धता बढ़ेगी तथा अब राज्य के किसान अब दो-तीन फसल का उत्पादन कर सकेंगे। खेत का पानी खेत में रोकने के लिये यह योजना कारगर सिद्ध होगी। विभिन्न संरचनाओं के माध्यम से किसान इसका लाभ उठा सकते हैं। इस योजना का सही से अनुपालन करने पर राज्य की वार्षिक जल संरक्षण क्षमता में पांच लाख करोड़ लीटर की वृद्धि होगी साथ ही पांच लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्द्धन भी हो सकेगा। राज्य में होने वाली वर्षा का संरक्षण कर राज्य में जल की उपलब्धता अब बढ़ाई जा सकेगी। इस योजना का लाभ वैसे किसानों को भी मिलेगा जिनके खेतों की संरचना अधिक ढाल वाली हो या कम ढाल वाली हो। खेतों की संरचना किसी भी प्रकार की हो, किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। इसके अतिरिक्त इस योजना का क्रियान्वयन गांवों में अवस्थित सार्वजनिक उपयोग में आने वाले हैंडपंप, कुंआ इत्यादि स्थानों पर भी किया जा सकेगा। जिससे भूमिगत जल संरक्षण की क्षमता में वृद्धि होगी। मंत्री ने कहा कि गढ़वा, पलामू और लातेहार जिले में निवास करने वाले सभी लोग पानी की समस्या से वर्षों से जूझते आ रहे हैं। पानी के एक-एक बूंद का महत्व यहां के लोग भली-भांति जानते हैं। हेमंत सरकार द्वारा जनहित में लागू किये गये नीलाम्बर-पीताम्बर जल-समृद्धि योजना का लाभ सभी को मिलेगा।