द एचडी न्यूज डेस्क : नेपाल क्राइसिस को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव परेशान हैं. तेजस्वी यादव ने नेपाली संसद से भारत के हिस्सों वाला नक्शा पास किए जाने के बाद हैरानी जताई है. नेपाल की संसद में विवादित नक्शे में संशोधन का प्रस्ताव पास हो चुका है. नए नक्शे में भारत के तीनों हिस्से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है. नेपाल में ही कई लोग सरकार की इस कोशिश को गलत ठहरा रहे हैं. सरकार के इस फैसले का नेपाल की सांसद सरिता गिरि ने खुलकर विरोध भी किया है.
नेपाल सरकार का विरोध करने वालों में तेजस्वी यादव का नाम भी जुड़ गया है. नेपाल सरकार के इस कदम पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि नेपाल की संसद द्वारा हिंदुस्तान के हिस्से को अपने नक्शे में बताए जाने से परेशान हूं. ये क्यों हो रहा है? सोचना होगा? हम भरोसेमंद दोस्त क्यों खो बैठे? हम बिहारवासियों का नेपाल के साथ गहरा ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संबंध रहा है. भारत सरकार से त्वरित और सकारात्मक पहल की जरूरत है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि भारत से नेपाल का पुराना संबंध रहा है और खास तौर पर बिहारवासियों का हमारे सामाजिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक के रिश्ते बहुत पुराने हैं और हमें नेपाल से बिगड़ते रिश्ते को लेकर गंभीरता पूर्वक सोचना होगा. तेजस्वी ने कहा है कि इस मामले का हल जितना जल्दी निकले उतना ही दोनों देशों के लिए ठीक रहेगा.
सीतामढ़ी से सटे नेपाल सीमा पर हुए विवाद के बाद पहली बार भारत-नेपाल बॉर्डर के पास बसे लोगों के बीच तनाव देखने को मिल रहा है. बिहार में अन्य विपक्षी दलों ने भी नेपाल के साथ इस क्राइसिस को जल्द सुलझा लेने की अपील केंद्र सरकार से की है हालांकि अब तक इस पर बिहार सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.