द एचडी न्यूज डेस्क : पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की ओर से मामले को गंभीरता से लेते हुए अशोका हॉस्पिटल राजेंद्रनगर के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया गया है. सूचना प्राप्त होते ही जिलाधिकारी द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच हेतु तीन सदस्यों की टीम गठित की गई तथा 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया. जांचोपरांत अशोका हॉस्पिटल राजेंद्र नगर की लापरवाही गैर जिम्मेदाराना रवैया तथा मानवीय मूल्यों की अनदेखी का मामला उजागर हुआ है. तदनुसार जिलाधिकारी द्वारा मामले को गंभीर एवं संवेदनशील मानते हुए अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का सख्त निर्देश दिया गया है.
क्या है मामला
अशोका हॉस्पिटल राजेंद्रनगर में भर्ती मरीज हरजीत कौर की मृत्यु अस्पताल में ही हो गई. मृतक के नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कराने हेतु परिजन द्वारा संपर्क करने के उपरांत दधीचि देहदान समिति पटना तथा आईजीआईएमएस की टीम अशोका हॉस्पिटल पहुंची. मृतक के परिजन तथा देहदान समिति के द्वारा अस्पताल में ही नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कराने हेतु बार-बार आग्रह करने के उपरांत भी प्रबंधन द्वारा अपेक्षित सहयोग प्रदान नहीं किया गया तथा अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में मृतक के नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कर प्रमाण पत्र दिया गया. अस्पताल प्रबंधन का यह कृत्य न केवल गैर जिम्मेदाराना तथा चिकित्सा नैतिक मानदंड एवं देहदान जैसी मानवतावादी मूल्यों के प्रतिकूल है बल्कि मृतात्मा के शव का भी अपमान है.
जांच टीम का हुआ गठन
मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए जिलाधिकारी पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सूचना प्राप्त होते ही त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच टीम का गठन कर निरीक्षण करने का निर्देश दिया. तीन सदस्यीय जांच दल में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी पटना डॉ. अविनाश कुमार सिंह, सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित डॉ. अवधेश कुमार तथा श्रम अधीक्षक मनीष कुमार थे. जांच टीम को मामले की जांच कर अविलंब प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
जांच टीम ने अस्पताल प्रबंधन, दधिचि देहदान समिति और आईजीआईएमएस की टीम तथा मृतक के परिजन का बयान लेते हुए सभी पक्षों पर विचार कर अपना जांच प्रतिवेदन जिलाधिकारी पटना को समर्पित किया. जांच प्रतिवेदन में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही एवं असहयोगात्मक आचरण एवं मानवीय मूल्यों की अनदेखी का मामला उजागर हुआ है. जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन पटना को अस्पताल प्रबंधन से स्पष्टीकरण पूछने तथा नियमानुसार कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
अन्नु प्रकाश की रिपोर्ट