द एचडी न्यूज डेस्क : भारतीय दलित राजनीति के धुरी कहे जाने वाले रामविलास पासवान अब इस दुनिया में नहीं रहे. 74 साल की उम्र में उनके निधन से आज पूरा देश शोकाकुल है. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री समेत देश का कोई भी ऐसा दल नहीं हैं जिसके नेता दुखी नहीं है.
सभी ने ट्वीट कर अपनी संवेदना प्रकट की है. कई लोगों ने उनके साथ अपने रिश्ते को याद कर गंभीर गए तो कई उनके कार्यो को याद कर भावुक हो जा रहे हैं. सभी उन्हें दल से ऊपर राजनीति करने वाला एक ऐसा शख्स बताया जिसने हमेशा दलित, पीड़ित, शोषित और वंचितों के उत्थान के लिए काम किया.

जदयू नेता नीरज कुमार ने भी रामविलास को अंतराष्ट्रीय नेता करार देते हुए कहा कि उनका जाना ना सिर्फ लोजपा परिवार के लिए क्षति हैं बल्कि देश के दलित, पीड़ित, वंचित और शोषित समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है. जिसकी कभी भी भारपायी नहीं की जा सकती है. रामविलास पासवान के साथ नीरज कुमार ने अपने तीन मुलाकात को याद करते हुए कहा कि जब महागठबंधन से जदयू अपना नाता तोड़ रहा था तब मेरे मोबाइल पर अचानक फोन आया और उधर से कहा गया कि केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान जी आपसे बात करना चाहते हैं.