रांची : शहर में टैक्स कलेक्शन का काम श्री पब्लिकेशन को सौंपी जाने व कंपनी के साथ नगर निगम द्वारा एग्रीमेंट किए जाने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. विवाद को सुलझाने के लिए मेयर आशा लाकड़ा लगातार बैठक बुला रही है. लेकिन नगर आयुक्त मुकेश कुमार इस में उपस्थित नहीं होकर मेयर द्वारा उठाए गए सवालों पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है.
साथ ही कंपनी द्वारा जमा किए गए कागजात को भी मेयर के समक्ष पेश करना था लेकिन नगर आयुक्त बैठक में नहीं पहुंच रहे हैं. बैठक हॉल में करीब कई घंटों तक नगर आयुक्त का इंतजार किया जाता है. लेकिन नगर आयुक्त नहीं आते तो मेयर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि श्री पब्लिकेशन के सभी जमा किए गए कागजात फर्जी हैं. नगर आयुक्त फर्जी कागजात पर कैसे टेंडर दे सकते है. नगर आयुक्त हैं कोई दूध पीते हुए बच्चे नहीं है. उनको लगातार पत्राचार के माध्यम से बताया जा रहा है. फोन किया जा रहा है. लेकिन हर बार फोन स्विच ऑफ है इससे यह साबित होता है कि वह बैठक से बचना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि हर संस्था को चलाने के लिए नियम व कानून होते हैं. इसके बावजूद निगम के पदाधिकारियों ने स्वयं निर्णय लेकर विभाग द्वारा चयनित एजेंसी के साथ एग्रीमेंट कर लिया. इसकी सूचना नहीं दी गई और ना ही अन्य जनप्रतिनिधियों को नगर निगम विधायिका और कार्यपालिका दोनों से चलती है नगर आयुक्त यह ना भूलें.
वहीं दूसरी तरफ नगर आयुक्त का कहना है की मेयर द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब पत्र के माध्यम से मेयर को दे दिया गया है. जिसमें की नगर आयुक्त ने कहा है कि एजेंसी चयन के कार्य में नगर निगम कहीं नहीं है. जो कार्य हुए हैं वह नगर विकास विभाग द्वारा किया गया है. इससे विभागीय मंत्री व मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त है. नगर आयुक्त ने पत्र में आगे लिखा कि मामला अब हाईकोर्ट में है. ऐसे में मीडिया कर्मी के सामने बैठक कर बयानबाजी करना सही नहीं है. नगर आयुक्त के पत्र के जवाब में मेयर ने लिखा कि जब मामला हाईकोर्ट में है विचार अधीन था. तो फिर नगर निगम अधिकारियों ने कंपनियों के साथ एग्रीमेंट कैसे किया.
दरअसल, विवाद के कारण दो महीने से बंद है काम रांची नगर निगम क्षेत्र में होल्डिंग ट्रेड लाइसेंस बनाने का काम स्पायरो सॉफ्ट टेक एजेंसी करती थी. कंपनी का कार्यकाल 12 अगस्त 2020 को खत्म हो गया. इधर, नगर निगम बोर्ड ने वर्तमान एजेंसी स्पैरो सॉफ्टटेक को ही तीन साल का सेवा विस्तार दिया.
वहीं नगर विकास विभाग ने एजेंसी चयन के लिए टेंडर निकालकर श्री पब्लिकेशन का चयन कर लिया पिछले दो माह से इसी की लड़ाई चल रही है. विभाग के इस कदम के खिलाफ मेयर आशा लाकड़ा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर मेयर और नगर आयुक्त के बीच के विवाद का निपटारा कौन करता है. किस कंपनी को यही काम दी जाती है और आगे कैसे काम किया जाता है.
गौरी रानी की रिपोर्ट