द एचडी न्यूज डेस्क : जदयू प्रवक्ता व एमएलसी नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव को दी पढ़ाई पूरी करने की जैसे ही नसीहत दी राजद भड़क उठी. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युजंय तिवारी ने हमला करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष से आकर जदयू नेता ट्यूशन लें. तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का आशीर्वाद जिस तरह तेजस्वी यादव को प्राप्त हुआ है. ये बात बिल्कुल साफ है कि कम उम्र में विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने फस्ट डिवीजन से पास किया.
बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने इंटर की परीक्षा देने का फैसला लिया है. उन्होंने जब से ये फैसला लिया है, तब से सत्ता पक्ष के नेता विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं. इसी क्रम में रविवार को पूर्व मंत्री और जदयू नेता नारज कुमार ने बिना नाम लिए तेजस्वी यादव समेत राजद के शीर्ष नेताओं को बिहार के सरकारी स्कूलों में आकर पढ़ने की नसीहत दी है.
नीरज कुमार ने कहा कि झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने 54 वर्ष की उम्र में इंटर परीक्षा देने का फैसला लिया है. इस पर गठबंधन दल को एक दूसरे का सम्मान और सहयोग करना चाहिए. राष्ट्रीय जनता दल को सहयोगी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) से सीख लेनी चाहिए और राजद नेताओं को भी इस पर अमल करना चाहिए. राजद के शीर्ष नेतृत्व को इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए. बिहार में जो नेता शीर्ष नेतृत्व हैं, उनको सक्षम माध्यमिक विद्यालय में नामांकन लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राजनीति में ज्ञान अर्जित करना आवश्यक है. इसलिए लज्जा नहीं बल्कि गौरव के साथ माध्यमिक विद्यालय में नामांकन कराना चाहिए. हालांकि, जदयू के इस वार पर राजद ने पलटवार किया है और जदयू के नेताओं को तेजस्वी की क्लास में आकर ज्ञान लेने की नसीहत दी है. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जदयू के नेता नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की शिक्षा पर सवाल नहीं उठाए. उन्हें तेजस्वी से शिक्षा लेनी चाहिए.
राजद प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का आशीर्वाद जिस तरह तेजस्वी यादव को प्राप्त हुआ है. ये बात बिल्कुल साफ है कि कम उम्र में विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने फस्ट डिवीजन से पास किया. ऐसे में सत्ता पक्ष के नेता तेजस्वी की चिंता छोड़े. उन्हें तो तेजस्वी से ट्यूशन पढ़ना पड़ेगा, तभी उनका बेड़ा पार होगा. ये थर्ड डिवीजन वाले फर्स्ट डिवीजन को क्या शिक्षा देंगे. तेजस्वी यादव से उन्हें सीख लेनी चाहिए. वो तेजस्वी की क्लास में आकर शिक्षा लें, तभी उनका ज्ञान खुलेगा.
विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट