MOTHER`S DAY: मदर्स डे मई महीने के दूसरे रविवार को हर वर्ष विश्व के कई देशों में मनाया जाता हैं. इस बार भी मातृत्व दिवस को 8 मई को मनाया जाएगा. माँ हमारी
जननी होती है. माताओं के प्रति अपने प्यार और सदभाव को प्रकट करने वाला यह दिन बेहद ही खास होता है. माताओं के नि:स्वार्थ प्रेम और बलिदान के लिए कितना भी कुछ
किया जाए वह काम ही पड़ेगा।
प्यारी माँ
माँ का आँचल अपने बच्चों के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। एक माँ नौ महीने अपने बच्चे को गर्व में रखती है उसके जन्म के लिए कई कष्ट सहती है. उसके बाद भी उनका काम
सीमीत नहीं रहता. वह अपने शिशु की दिन-रात सेवा करती है. उसे बैठना, चलना,बोलना, हंसना, पढ़ना-लिखना जैसे कई कार्य सिखाती है. बिना कुछ कहे ही अपने बच्चों के मन कि
बातों को समझ जाती है और उनकी परेशानियों को हल करने के लिए अपनी जी-जान लगा देती है. बच्चे भी अपने माँ के आँचल में सुकून पाते है. माँ के पास आते ही वह अपने
सारे कष्ट और परेशानियों को भूल जाते है.
बच्चों की तैयारी
इस दिन बच्चे अपने माताओं को अपनी पॉकेट मनी से साड़ी, चूरी समेत कई तोहफ़े देते है. साथ ही साथ उनके लिए सरप्राइज प्लान करते है, और केक काटकर अपनी माँ को
स्पेशल महसूस कराते है. अपने घर और माँ से दूर पढाई और जॉब कर रहे बच्चे भी अपनी माँ के लिए कुछ न कुछ करते है और उनका सम्मान अदा करते है. माँ के साथ बिताएं हर
खट्टे- मीठे पल को याद कर वह उनकी कमी को अपनी आंखों की नमी से भर लेते है.
माँ: सबसे अच्छी मित्र
माँ शब्द अपने आप में ही संपूर्ण है. इसमें पूरा ब्रह्माण्ड बसा है. माँ साक्षात् ईश्वर का स्वरुप होती है. अपने बच्चों के लिए माँ कभी एक शिक्षक, डॉक्टर तो कभी एक अच्छी मित्र भी
बन जाती है. एक तरफ जहाँ पिता क्रोध प्रवृति के होते है, जिनसे कुछ भी कह पाना बेहद मुश्किल होता है, तो वही माँ शांत और कोमल होती है, जो बिना कुछ कहे भी अपने बच्चो
के अंतर्मन की बातों को समझ लेती है. बच्चे अपनी माँ को अपना सबसे प्रिय मित्र मानते है. उनसे वह अपने जीवन में हो रही हर छोटी बड़ी गतिविधियों के बारे में बात करते है और
अपनी भावनाओं को प्रकट कर अपना मन हल्का करते है. माँ भी अपने बच्चों की हर बात को प्यार से समझती है और उन्हें उचित दिशानिर्देश देती है।
इंटरटेंमेंट के लिए पटना से अनामिका की रिपोर्ट