PATNA: कहते हैं कि माता कभी कुमाता नहीं होती। मामला राजधानी पटना के कदमकुंआ मोहल्ले की है जहां एक बंद कमरे में कैद एक बेटी ने चीख चीखकर न्याय की गुहार लगाई। कंकड़बाग में अपने रिश्तेदार की मदद से किसी तरह बाहर निकली और मामला पहुंच गया कदमकुंआ थाना। थाने में पूरे मामले की तफ्तीश और लड़की के बायन के मुताबिक कनिका मेहर अपार्टमेंट में फ्लैट नं. 102 में रहनेवाली वीमेस कॉलेज में स्नातक की छात्रा है।
जिसने अपना नाम आयुर्वषी अंजली ने बताया। यह फ्लैट उनके स्वर्गवासी पिता और मां डॉ. गीताजंली कुमारी के नाम पर है। एक पिता की मेहनत से बनाए गए घर को बचाने के लिए बेटी थाने पहुंच गई है। जहां उसने पिता के घर को बेचने से रोकने की गुहार अधिकारियों से लगाई है। बेटी जिस पर घर बेचने का आरोप लगा रही है। वह उसकी सगी मां है। जहां बेटी नहीं चाहती है कि उनके पिता का घर बिके। बेटी के मुताबिक उसकी मां घर बेचकर पटना से जाने की जिद पर अड़ी हुई है। 2013 में पिता का निधन हो गया। बेटी ने मां पर यह भी आरोप लगायाकि एक अधिकारी के बहकावे में आकर बेचना चाहती है। मां और नाना इस फ्लैट को बेचकर हमेशा के लिए पटना से बाहर जाना चाहते हैं। थाने में की शिकायत दर्ज कराते हुए बेटी ने बताया कि कल मां ने जबरन सारा सामान पैक करवा दिया। जब मैंने इसका विरोध किया तो कमरे के अंदर बंद कर बाहर से ताला लगाकर सारा सामान लेकर चले गए। जिसके बाद वह लोग कहां गए मुझे नहीं पता। अंजली का कहना है कि कंकड़बाग में रहनेवाली बहन की मदद से बाहर निकली।
जिसके बाद कदमकुआं थाने पहुंची और पूरे मामले की जानकारी दी। अंजली का कहना है कि उन्होंने इसकी पहले भी ऑनलाइन शिकायत की थी। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। इसके साथ ही खबर लिखे जाने तक मां से संपर्क नहीं हो पाया है।
पटना से अन्नू प्रकाश की रिपोर्ट