PATNA: भाजपा नेता एवं राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने कहा कि कथित सेक्युलर और सामाजिक न्याय की बात करने वाले राजनीतिक दलों ने भाजपा का भय दिखाकर पसमांदा मुसलमानों का एकमुस्त वोट तो जरूर हासिल किया पर उन्हें कभी समुचित भागीदारी देने का प्रयास नहीं किया। विवेक ठाकुर ने कहा कि देश की मुस्लिम आबादी में एक बड़ा हिस्सा करीब 90 प्रतिशत पसमांदा यानी पिछड़े मुसलमानों का है। लेकिन एक तथ्य यह भी है कि अधिकतर मुस्लिम संस्थाओं और राजनीति पर अशराफ तबके का आधिपत्य है। यह वह तबका है, जो अपनी जड़ें अरब, ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया के अन्य देशों में देखता है और इसी कारण अपने को श्रेष्ठ मानता है। इसके विपरीत पसमांदा मुस्लिम समाज खुद को भारतीय मूल का मानता है और इस पर गर्व करने के साथ उन परंपराओं का पालन करता है, जो भारतीय संस्कृति में रची-बसी हैं।
विवेक ठाकुर ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के आंकड़ों के अनुसार मुफ्त राशन, आवास, शौचालय, रसोई गैस सिलेंडर, आयुष्मान भारत, मुद्रा, किसान सम्मान निधि जैसी कई योजनाओं के लाभार्थियों में एक बड़ी संख्या मुसलमानों की है। इन योजनाओं से पसमांदा मुसलमान इसलिए अधिक लाभान्वित हुआ है, क्योंकि वह गरीब है। जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ केंद्र सरकार हुनर हाट और उस्ताद जैसी योजनाएं खास तौर पर अल्पसंख्यकों के लिए चला रही है। विवेक ठाकुर ने कहा कि मुसलमानों और खासकर पसमांदा मुसलमानों को उन दलों और कथित सेक्युलर लोगों से सावधान रहना होगा, जो यह माहौल बनाने में लगे हुए हैं कि मोदी सरकार में मुसलमानों को दबाया-सताया जा रहा है।
विवेक ठाकुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार मुस्लिम समाज के वंचित तबके के हितों की रक्षा केलिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने पसमांदा मुसलमानों की ओर हाथ बढ़ाया है, तब फिर इस समाज के लिए भी यह आवश्यक हो जाता है कि वह भी अपना हाथ बढ़ाए।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट