द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार सरकार के मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने आज अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि जहरीली शराब मौत पर बयानबाजी गलत हो रही है. जहरीली शराब से मौत का कारण आर्थिक है. जहरीली शराब में स्पिरिट का प्रयोग हुआ था. नालंदा, छपरा में पटना से स्पिरिट भेजा गया था.
मंत्री सुनील कुमार ने आगे कहा कुछ राजनीतिक दल बिहार में भ्रम फैला रहे हैं. बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, जहरीली शराब से उसका कोई संबंध नहीं है. जो लोग ऐसा बयान दे रहे है वो गलत है. शराबबंदी कानून के पहले भी जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई थी. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से बिहार के भोजपुर (21), गया (12), सारण (6), गोपालगंज (18) और कटिहार में 33 मौत हुई है. साथ ही अन्य राज्यों में मौत हुई है. इसके साथ ही बिहार के अलावा पंजाब (112) और उत्तर प्रदेश में 99 मौतें हुई है.
मंत्री ने कहा कि ये आंकड़े बताते है कि जहरीली शराब से जो मौत होती है, उसका शराबबंदी कानून से कोई मतलब नहीं है. जहरीली शराब से मौत अवैध शराब या गलत तरीके से बनने वाले शराब से होती है. पुलिस विभाग व एक्साइज विभाग ने भी कड़ी कार्रवाई की है. लगातार इसकी समीक्षा भी की जा रही है ताकि जो कमियां है उसको दूर किया जा सके.
उन्होंने कहा कि एक लाख 19 हजार लोगों की गिरफ्तारी हुई. तीन हजार गाड़ी जब्त की गई. 86 हजार लीटर शराब जब्त किए गए. नीरा को बढ़ावा दिया जा रहा है. 30 हजार परिवार को जोड़ा गया है. 80 करोड़ से अधिक राशि का वितरण किया गया है. जिलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. 225 से अधिक पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया गया है. दर्जनों एक्साइज विभाग के कर्मियों पर भी कार्रवाई की गई. ड्रोन से ट्रायल भी शुरू किया गया. चार ड्रोन से विभिन्न जिलों में 171 जगहों पर छापेमारी की गई. वहीं 71 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं निबंधन विभाग के डाटा ऑपरेटर हड़ताल पर कहा कि किसी भी हाल में राजस्व की हानि नहीं होगी. करीब 80 प्रतिशत से अधिक लोगों से नए स्थान पर योगदान देना शुरू कर दिया है. जो भी काम में विलंब हुआ है उसे एक-दो दिनों में पूरा कर दिया जाएगा.
अन्नु प्रकाश की रिपोर्ट