रांची ब्यूरो
रांची: एदार-ए-शरीया झारखंड के नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी की पहल पर शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसकी सदारत मौलाना सैयद शाह अलकमा शिब्ली ने किया, जबकि संचालन मौलावा मुजीबुर रहमान ने की। बैठक मैं हिंदपीढ़ी में कठोर सील करने एवं वहां के आम जनों की हो रही कठिनाईयों पर चर्चा की गई एवं मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन को हिंदपीढ़ी में राहत देने और अन्य समस्याओं के निदान हेतु मेमोरंडम देने का निर्णय लिया गया। एदार-ए-शरीया ने मुख्य मंत्री के सलाहकार एवं वरीय पीएस से बातें की, जिन्होंने मेमोरंडम देने को कहा और बताया कि मांग पर जरुर विचार किया जाएगा। मेमोरंडम मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी एवं मौलाना सैयद शाह असकमा शिब्ली के संयुक्त दस्तख़त से मुख्य मंत्री को सुपुर्द किया गया। इसमें इस बात का उल्लेख किया गया कि इस समय विश्व महामारी कोरोना वायरस की रोक थाम के लिए झारखंड सरकार जिस तरह ठोस एवं कारगर कदम उठा रही है, वह सराहनीय है। मुख्य मंत्री ने कोविड-19 से बचाव के उपाय, गरीब व बेहाल जनता की सहायता, छात्रों एवं प्रवासी मजदूरों की मदद, राज्य व राष्ट्र की सेवा से लेकर राज्य के हर नागरिक के प्रति सहानुभूति सराहनीय व प्रेरणा श्रोत भी है। एदार ए शरीया झारखंड, जनता एवं राज्य सरकार के साथ खडा है, परन्तु इसी बीच राज्य में कुछ घोर समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं, जिस की तरफ आप का ध्यान आकृष्ट कराना चाहते हैं। रांची के हिंद पीढ़ी क्षेत्र को काफी दिनों से सील किया गया है। इन दिनों में भी मुख्य मंत्री ने जनता का ख्याल किया है लेकिन लम्बे अरसे से कठोर तरीके से सील करने के कारण जनता अति कष्ट में है। हिंदपीढ़ी एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जहां पर 70% से अधिक गरीब आबादी है। मुख्य मंत्री ने जाकर स्थिति को देखा है। इतनी बड़ी आबादी की मुलभावना को समझने की जरुरत है, गत दिनों हिंद पीढ़ी के नागरिकों एवं जिला प्रशासन के बीच बैठक हुई थी, जिस में समाज के जिम्मेदारों ने प्रशासन के समक्ष समस्याएं रखी है। इस के अलावा रांची समेत पूरे राज्य में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के कार्य ना करने के कारण विशेष कर गर्भवती महिलाओं के समक्ष अनेक समस्याएं पैदा हो रही हैं। पिछले दिनों इलाज के अभाव में कई एक जच्चा- बच्चा ने दम तोड़ दिया। इसी तरह अनेक समस्याएं लॉकडॉउन के बीच हो रही हैं।
अत: निम्न समस्याओं के निदान हेतु उचित कदम उठाया जाना जनता हित में होगा। जिसके तहत लॉक डाउन के बीच हिंद पीढ़ी में कठोर सील व्यवस्था लागू रहने से बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं विशेष कर गर्भवती महिलाओं, छात्र-छात्राओं, मरीजों, असहाय गरीबों मजदूरों के समक्ष घोर समस्या उत्पन्न होने के मद्देनजर हिंद पीढ़ी एरीया को सील मुक्त एवं कोरोना मुक्त करने की जल्द ठोस योजनाएं बना कर वहां की जनता को राहत दी जाए। फिलहाल कम से कम जिन मुहल्लों में कोरोना पॉजिटिव नहीं हैं, उन को सील मुक्त करने, लॉक डॉउन पालन करने के अंतर्गत हिंदपीढ़ी की जनता को ICMR के Guideline के तहत प्रदत्त सुविधा को सुनिश्चित करने, जांच के उपरांत जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लगने से पीड़ित मानसिक दबाव में रहते हैं, इस पर विचार करने, पोजिटिव मरीज के परिवार के कोरोना निगेटिव व्यक्ति को होम कोरेनटाइन करने, क्योंकि लोगों को अब कोरेनटाइन की सुविधा एवं जांच अवधि पर कोई भरोसा नहीं है, आम जनों की शिकायत से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हिंद पीढ़ी के एक समुदाय को चिन्हित कर कोरोना जांच का दायरा सीमित किया गया है, अगर ऐसा है तो फिर बिना भेदभाव के पूरे हिंदपीढ़ी क्षेत्र की जांच को सुनिश्चित करने, रिम्स covid-19 जांच टीम के मनोज कुमार एवं रघुनाथ सिंह को अविलंब हटाने, आइसोलेशन सेंटर एवं रिम्स में भर्ती कोरोना मरीज के खाने पीने में कोताही को ठीक करने, हिंदपीढ़ी की जनता इस लॉक डाउन और क्षेत्र को कठोर सील करने के कारण अब खुद को घरों में कैद करने में असमर्थ है, बहुत दयनीय स्थिति में हैं इसलिए जनता की मनोदशा को समझते हुए सरकार द्वारा उचित कदम उठाने, हिंदपीढ़ी एरीया के मरीजों के इलाज हेतु कम से कम किसी दो हॉस्पिटल में मरीजों को उचित व समय पर इलाज कराने की व्यवस्था करने, रांची समेत पूरे राज्य में गर्भवती महिलाओं को आवश्यकतानुसार त्वरित एलाज व प्रसव की व्यवस्था करने तथा कोविड -19 को लेकर जो असामाजिक तत्व जात-समुदाय में भेदभाव फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, उन पर कडी कार्रवाई करने की पहल की जाये।