खगड़िया: जिला सभागार कक्ष में आज जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में जिला इंडस्ट्रीयल इनोवेशन स्कीम की बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि बिहार उद्योग विभाग की इस योजना द्वारा राज्य सरकार द्वारा covid-19 के कारण बिहार वापस आये कामगारों को उनकी कार्यकुशलता के आधार पर स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा| इस योजना के तहत जिला ग्रामीण विकास अभिकरण को तत्काल 50 लाख रुपये की राशि नवप्रवर्तन परियोजनाओं के अंतर्गत सूक्ष्म इकाइयों को स्थापित करने के लिए दिया जाएगा। इसके अंतर्गत नवप्रवर्तन युक्त लघुकार्य जैसे सिलाई केंद्र की साथ, पेभर ब्लॉक उपकरण ,हस्तकरघा बुनाई केंद्र ,बढ़ईगिरी कार्य आदि स्थापित कराया जा सकता है।इसके अंतर्गत प्रति परियोजना अधिकतम 10 लाख की राशि प्राथमिक पूंजी के रूप में दी जाएगी।
योजना के बारे में बताते हुए प्रभारी जिला उद्योग महाप्रबन्धक द्वारा बताया गया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति के माध्यम से योजना को कार्यान्वित किया जाएगा।प्रत्येक परियोजना के अंतर्गत न्यूनतम 10 कामगारों के समूह बनाये जाएंगे जिसमे न्यूनतम 10 अथवा 50 प्रतिशत सदस्य ,जो अधिक हो कोविड पोर्टल पर पंजीकृत कामगार ही होंगे। इसके अंतर्गत चयनित कामगारों का साझेदारी फर्म बना कर उसे सक्षम प्राधिकार से निबंधित कराना आवश्यक होगा।
साथ ही प्रभारी जिला उद्योग महाप्रबन्धक द्वारा यह भी बताया गया कि जिलास्तरीय समिति अपने स्तर से उद्यम का चयन कर उसे स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित करेगी। पूरे राज्य में इस योजना पर 19 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है।
वहीं बैठक में जिलाधकारी द्वारा बैठक में उपस्थित सभी विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभाग अपनी अपनी कार्ययोजना बना कर अगली बैठक में प्रस्तुत करेंगे।
बैठक में उप विकास आयुक्त राम निरंजन सिंह, अपर समाहर्ता शत्रुंजय मिश्रा, जिला लोक निवारण पदाधिकारी भूपेंद्र यादव, जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजय वर्मा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी आदित्य कुमार पीयूष, अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया धर्मेंद्र कुमार,प्र भारी जिला उद्योग महाप्रबंधक अनिल कुमार सिंह,प्रभारी जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राज ऐश्वर्या, जिला शिक्षा पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता राजन कुमार, चंदन कुमार, नाबार्ड के पदाधिकारी ,सभी प्रखण्डों के प्रखंड विकास पदाधिकारीतथा अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी मौजूद थे।