द एचडी न्यूज डेस्क : भारत में बढ़ रहे कोरोना के कहर के बीच पुणे की रहने वाली वायरोलॉजिस्ट मीनल दाखवे भोसले ने अपनी परवाह नहीं करते हुए कोरोना वायरस की जांच के लिए ऐसा किट तैयार किया जो विदेशी किट के मुकाबले बेहद सस्ता है. एक तरफ जहां विदेशी किट जांच में आठ से नौ घंटा तक का समय लेता है तो वहीं यह किट ढ़ाई घंटे में ही नतीजे दे देती है.

वायरॉलजिस्ट मीनल ने पुणे के एक डायग्नोस्टिक फर्म माइलैब डिस्कवरी सॉल्युशंसके प्रॉजेक्ट पर फरवरी में काम शुरू किया था. वह प्रेग्नेंट थीं. पिछले हफ्ते ही उन्हें बच्ची हुई. उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी था, इसलिए मैंने इसे चुनौती के रूप में लिया. मुझे अपने देश की सेवा करनी है. उन्होंने बताया कि उनकी टीम के सभी 10 सदस्यों ने कठिन परिश्रम किया है. प्रॉजेक्ट पूरा होने पर टेस्टिंग किट नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी (NIV) को 18 मार्च को सौंप दिया गया और अगले दिन ही मीनल को बेटी हुई.

देश का पहला कोरोना वायरस टेस्टिंग किट गुरुवार को मार्केट में आ गया. टेस्टिंग किट से वायरस के संक्रमण के संदिग्धों की जांच में तेजी आएगी. मिनल के मुताबिक कि हमारा किट ढाई घंटे में टेस्ट रिजल्ट दे देता है जबकि विदेशी टेस्टिंग किट को छह से सात घंटे लगते हैं. हर माइलैब किट से 100 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं और जांच का खर्च 1,200 रुपए आता है. यह रकम विदेशी किट के खर्चे (4,500 रुपए) के मुकाबले करीब एक चौथाई है.

माइलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस के पास हर दिन 15 हजार टेस्टिंग किट तैयार करने की क्षमता है. पुणे के लोनावाला की फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर प्रति दिन 25 हजार किट तैयार किए जा सकते हैं. माइलैब ने पहले बैच में पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोवा और बेंगलुरु के डायग्नोस्टिक लैब को 150 टेस्टिंग किट भेजा है. सोमवार को दूसरा बैच भी निकल जाएगा.

