रांची : मेयर आशा लकड़ा और नगर आयुक्त मुकेश कुमार के बीच विवाद में नया मोड़ आ गया है. नगर आयुक्त और मेयर के अधिकारों पर मांगे गए मार्गदर्शन पर महाधिवक्ता (एजी) ने अपनी राय दी है. इसपर शुक्रवार को मेयर आशा लकड़ा ने प्रेस से कहा कि उनके लिए झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 ही सर्वोपरि है. राज्य सरकार के महाधिवक्ता का मंतव्य उनका अपना विचार है. यह कोई कानून नहीं है, जिसका अनुपालन करने के लिए मैं बाध्य हूं.
महाधिवक्ता ने जो मंतव्य दिए हैं, वह सीधे तौर पर संवैधानिक अधिकार की हत्या है. उन्होंने कहा है कि उनके लिए झारखंड पालिका अधिनियम 2011 ही सर्वोपरि है. इसी से रांची नगर निगम चलेगा. मेयर ने कहा है कि राज्य में किस तरह के महाधिवक्ता बैठे हैं, जिन्होंने झारखंड नगरपालिका अधिनियम कानून को ही समाप्त कर दिया है. यह किसी एक व्यक्ति की शह पर नहीं हो सकता.
मेयर आशा लकड़ा और नगर आयुक्त मुकेश कुमार के बीच विवाद मे नया माेड़ आ गया है. नगर आयुक्त और मेयर के अधिकारों पर मांगे गए मार्गदर्शन पर महाधिवक्ता (एजी) ने अपनी राय दी है. इसपर शुक्रवार को मेयर आशा लकड़ा ने प्रेस से कहा कि उनके लिए झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 ही सर्वोपरि है. राज्य सरकार के महाधिवक्ता का मंतव्य उनका अपना विचार है. यह कोई कानून नहीं है, जिसका अनुपालन करने के लिए मैं बाध्य हूं.
महाधिवक्ता ने जो मंतव्य दिए हैं, वह सीधे तौर पर संवैधानिक अधिकार की हत्या है. उन्होंने कहा है कि उनके लिए झारखंड पालिका अधिनियम 2011 ही सर्वोपरि है. इसी से रांची नगर निगम चलेगा. मेयर ने कहा है कि राज्य में किस तरह के महाधिवक्ता बैठे हैं, जिन्होंने झारखंड नगरपालिका अधिनियम कानून को ही समाप्त कर दिया है. यह किसी एक व्यक्ति की शह पर नहीं हो सकता.
आशा लकड़ा ने कहा है कि वह केवल शोकॉज के लिए मेयर नहीं बनी हैं, बल्कि वह रांची नगर निगम की जनता को कार्यों को पूरा करने के लिए चुनी गई हैं. आशा लकड़ा ने कहा है कि अगर रांची नगर निगम के कार्यों को लेकर नगर आयुक्त से पत्राचार करना विवाद का कारण है, तो वह आगे भी निगम के तहत जनता के कार्यों के लिए नगर आयुक्त से जवाब मांगती रहेगी.
क्या राय दी थी महाधिवक्ता ने ?
बता दें कि नगर विकास विभाग ने निकायों में जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के कार्य क्षेत्रों तथा अधिकार पर महाधिवक्ता से मंतव्य मांगा था. उन्होंने अपने मंतव्य में लिखा है कि नगरपालिका अधिनियम के मुताबिक, नगर निकायों में आयोजित होने वाली पार्षदों की बैठक बुलाने का अधिकार केवल और केवल नगर आयुक्त/कार्यपालक पदाधिकारी/विशेष पदाधिकारी को है. एजेंडा तैयार करने का अधिकार भी नगर आयुक्त/कार्यपालक पदाधिकारी को ही है.
आनेवाले समय में भी मांगूंगी जवाब
मेयर ने कहा कि समीक्षा करने और अधिकारियों को स्पष्टीकरण मांगना मेरा संवैधानिक अधिकार है. नगर निकायों में मेयर को शोकेस की शोभा बढ़ाने के लिए आम जनता ने नहीं चुना है. यदि नगर आयुक्त को पत्राचार कर जवाब मांगना मेयर व नगर आयुक्त के बीच विवाद का कारण है तो मैं आने वाले समय में भी उनसे संबंधित विषयों पर जवाब मांगती रहूंगी.
दलीय आधार पर नगरपालिका चुनाव से डर गए हैं
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार डर रही है. वह जानती है कि अगर दलीय आधार पर चुनाव होगा तो सभी जगह भाजपा ही जीतेगी. आशा लकड़ा ने कहा कि सोमवार को वह और अन्य नगर निकायों के जनप्रतिनिधि सरकार के इस फैसले और महाधिवक्ता के राय के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करेंगे. उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता ने नगर निकाय को लेकर जो राय दी है, वह कोई कानून नहीं है. इस मौके पर हजारीबाग नगर निगम की मेयर रोशनी तिर्की, खूंटी नगर पंचायत के अध्यक्ष अर्जुन पाहन, चतरा नगर परिषद के अध्यक्ष गुंजा देवी, रामगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष योगेश विद्या एवं उपाध्यक्ष मनोज कुमार महतो मौजूद थे.
गौरी रानी की रिपोर्ट