नई दिल्ली : साल 2009 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने देश में आधार कार्ड योजना की शुरुआत की थी. इसके बाद से लगातार इसके यूज को सभी सरकारों ने बढ़ाया है. पिछले कुछ सालो में बढ़ती डिजिटाइजेशन में आधार कार्ड के उपयोग बहुत तेजी से बढ़ा है. होटल बुकिंग से अस्पताल तक हर सरकारी और प्राइवेट जगहों तक आधार कार्ड की उपयोगिता है.
आजकल बिना आधार कार्ड के हर जरूरी काम रुक जाता है. इसे सरकारी विभाग भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई द्वारा जारी किया जाता है. यह केवल एक पहचान पत्र नहीं है बल्कि यह आपको कई तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी मदद करता है.
क्या हुआ बाल आधार कार्ड में बदलाव
आधार कार्ड की बढ़ती जरूरतों के कारण माता-पिता को बच्चे के जन्म के बाद से ही इसे बनवाने की चिंता सताने लगती है. नियमों के बदलाव के बाद अब पांच साल से कम के बच्चे का भी आधार कार्ड बन सकता है. गौरतलब है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बाल आधार कार्ड को लेकर अब नियमों में बदलाव किया है.
अब बच्चे के जन्म के बाद तुरंत आधार कार्ड बन सकता है. आधार कार्ड बनवाने के लिए किसी तरह के बायोमेट्रिक की आवश्यकता नहीं होगी. पांच साल के बाद ही बच्चे का बायोमेट्रिक कराया जाएगा. पांच साल से पहले बच्चों का बाल आधार कार्ड जारी कर दिया है.
बाल आधार कार्ड बनवाने के लिए चाहिए ये डॉक्यूमेंट्स
- आधार कार्ड बनवाने के लिए बच्चा भारतीय नागरिक होना चाहिए.
- इसके साथ ही उसका जन्म प्रमाण पत्र होना जरूरी है. इसके साथ ही एक एड्रेस प्रूफ होना चाहिए.
- इसके बाद माता पिता का आधार होना जरूरी है.
- इसके बाद बच्चे का पासपोर्ट साइज फोटो होना चाहिए.
- पहचान के प्रमाण, पते का प्रमाण, संबंध का प्रमाण और जन्म तिथि जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स जरूरी है.
- इसके बाद सारे डाक्यूमेंट्स जी जांच के बाद बच्चे का बाल आधार कार्ड बन जाएगा.