लालू यादव के सुपुत्र और छात्र जनशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने अपने पिता के साथ हो रही अन्याय के खिलाफ आज एक मुहीम की शुरुवात की है। उन्होंने आज न्याय यात्रा का आरम्भ किया और अपने पिता के खिलाफ हो रही साज़िश पर अपनी आवाज उठायी है। उन्होंने साफ़ तौर पर इसका आश्वासन दिया है की यह यात्रा गांव-गांव तक जाएगी और लोगों को उनके साथ हो रही बुरी कुरीतियों के बारे में अवगत कराएगी। यह यात्रा तब तक नहीं रुकेगी जब तक हमारे पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जेल के कारावास से रिहाई नहीं मिलती।
पत्र में जाहिर फरमान
तेज प्रताप यादव ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने बड़े ही शायराने अंदाज़ में लिखा है ” न कोई चूक हुई और न कोई गलती की। न कोई भूल हुई और न कोई खता की……. फिर भी गरीबों के मसीहा लालू जी सब के निशाने पर”। इस पत्र के माध्यम से लालू प्रसाद के बेटे ने कटाक्ष करते हुए मोदी सरकार, अमित शाह और मुख्यमंत्री नितीश कुमार पर सीधा निशाना साधा है। लालू प्रसाद यादव को कैसे फंसाया गया और क्या-क्या षड़यंत्र रचे गए उन सब चीजों को प्रकाशित करते हुए जनता की अदालत से फैसला मांगी है। जारी पत्र में कई सवाल भी उठाये गए है। क्या मुख्यमंत्री कॉपी बिल बनाता हैं? क्या चेक पर दस्तखत करता है? क्या ट्रेजरी जाकर पैसे निकालता है ? इस तरह के कई तीखे प्रश्न उन्होंने पूछे। तेज प्रताप यादव ने डिप्टी CM सुशिल मोदी को भी नहीं बख्शा। लालू यादव को फ़साने में उनकी बड़ी हाथ शामिल थी।
जनता की अदालत से माँगा न्याय
लालू प्रसाद यादव के साथ हो रही साज़िश किसी से छुपी नहीं है। साज़िशकर्ता गरीबों के मसीहा लालू प्रसाद यादव को जेल में डाल कर भी उनका मनोबल नहीं घटा सकती। पत्र में साफ़ तौर पर लिखा गया है की लालू कोई मौकापरस्त राजनेता नहीं है। वह कभी झुकना स्वीकार नहीं करेंगे। वह घुटनाटेक राजनेता नहीं बल्कि सिनाठोक राजनेता है। तेज प्रताप यादव ने अपने समर्थको और जनता को अपना पावर हाउस बताया और जनता की अदालत से फैसला लेने की गुहार की।
-अनामिका की रिपोर्ट