द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार के पूर्व सीएम व हम प्रमुख जीतन राम मांझी भी आरआरबी एनटीपीसी छात्रों के समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर सरकार को चेताया है. बिहार की राजधानी पटना समेत राज्य के कई जिलों में बीते दिनों एनटीपीसी अभ्यर्थियों ने परीक्षाफल में गड़बड़ी का आरोप लगाकर जमकर प्रदर्शन किया. छात्रों के आंदोलन के प्रशासनिक महकमे से लेकर सत्ता के गलियारों तक हड़कंप मचा दिया. छात्रों द्वारा किए गए उग्र प्रदर्शन की जो तस्वीरें सामने आईं वो चौंकाने वालीं हैं. हालांकि, इस पूरे मामले में प्रशासन ने शख्त रवैया अपनाते हुए कार्रवाई की शुरुआत कर दी है.
पटना के पत्रकार नगर थाने में बुधवार को खान सर समेत कई कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों और 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. हालांकि, खान सर पर एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले ने और तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी प्रशासनिक फैसले पर सवाल उठाना शरू कर दिया है.
मांझी ने कही ये बात
इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि संविधान में हिंसा और तोडफोड़ का अधिकार किसी को नहीं. वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे, नहीं तो हालात इससे भी भयानक उत्पन्न हो सकतें हैं. आरआरबी-एनटीपीसी उपद्रव के नाम पर खान सर सहित शिक्षकों पर किए गए मुकदमें इस अघोषित युवा आंदोलन को और भी ज्यादा भड़का सकता है.
वहीं, पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि आरआरबी-एनटीपीसी आंदोलन मामले में शिक्षकों पर केस करना दुर्भाग्यपूर्ण है.आपने छात्रों के भविष्य के साथ खेला, तो छात्र आज सड़क पर उतरे. अगर आप अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाते तो ये नौबत ही नहीं आती. इसलिए कह रहा हूं शिक्षक और छात्र पर जुल्म बंद करिए. गिरफ्तारी ही करनी है तो पहले मुझे गिरफ्तार करिए.
इस आधार पर दर्ज हुआ मुकदमा
छात्रों को भड़काने के आरोप में खान सर के खिलाफ बुधवार को एफआईआर दर्ज किया गया. पटना के पत्रकार नगर थाना की पुलिस ने हिरासत में लिए गए छात्रों के बयान के आधार पर खान सर समेत एसके झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर, गोपाल वर्मा सर पर हिंसा भड़काने और साजिश करने के आरोप के तहत मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस की मानें तो प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए किशन कुमार, रोहित कुमार, राजन कुमार और विक्रम कुमार ने इस बात को कबूल किया है कि खान सर समेत अन्य ने छात्रों को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया था.
विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट