कटिहार : मनिहारी के कई पंचायतों में जहां जलजमाव वाली भूमि ज्यादा है. वहां बड़े पैमाने पर मखाना की फसल लगाई गई है. जिसमें नीमा-फतेहनगर नवाबगंज नारायणपुर प्रखंड के लगभग सभी पंचायत शामिल है. कटिहार जिले में मनिहारी, कोढा बरारी प्राणपुर मनसाही तथा फलका में मखाना की खेती व्यापक पैमाने पर होती है. यहां तैयार मखाना की मांग बनारस, कानपुर, कोलकाता और इलाहाबाद के बाज़ारों में काफी है. कटिहार जिला में मखाना के संरक्षण, पैकेजिंग तथा प्रोसेसिंग इकाई की व्यवस्था नहीं होने से यहां के किसान अपनी फसल को बिचौलियों के हाथ बेचने को मजबूर हो जाते हैं.
कोरोना ने बढ़ाई किसानों की समस्या
मखाना की डिमांड शादी-विवाह के अवसर पर काफी ज्यादा होती है. परंतु इस बार शादियां बहुत कम हो रही है. जिससे मखाना की मांग में कमी आई है. पहले लग्न शुरू होने पर मखाना की कीमतों में इजाफ़ा होता था. इस वर्ष कीमतें घट रही हैं जिससे मनिहारी के सभी मखाना किसान काफी हतोत्साहित दिख रहे हैं. कोरोना की वजह से बाहरी ऑर्डर भी कम आ रहे हैं. कड़ी धूप की वजह से लागत मे वृद्धि होती जा रही है. कड़ी धूप मे बार बार सिंचाई की आवश्यकता पड़ रही है. जिससे की किसानों की लागत बढ़ती जा रही है.
कुशल कामगारों की कमी
मखाना निकालने के लिए हुनरमंद एवं कुशल कामगारों की जरूरत होती है. लेकिन मनिहारी मे ऐसे लोगों की काफी कमी है. पूर्व के वर्षो मे दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया और ओड़िशा से कुशल कामगारों को बुलाया जाता था. इस वर्ष कोरोना की वजह से बाहरी मजदूरों के नही आने से स्थानीय मजदूरों द्वारा फल निकालने का काम करवाया जाएगा. जिससे काफी नुकसान होने की संभावना है. अकुशल मजदूरों के काम करने से आमदनी प्रभावित होगी.
बताते चलें कि मखाना काफी स्वास्थ्यवर्धक होता है. इसकी गिनती सुपर फूड में की जाती है. क्योंकि इसमें कॉलेस्ट्राल काफी कम तथा अन्य स्वास्थ्यकारी गुण बहुत ज्यादा होते है. कई देशों में इसकी खेती सिर्फ इसके औषधीय गुण की वजह से की जाती है.

मनिहारी के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी एसके वर्मा ने बताया कि खेती से पहले जिन किसानों ने आवेदन दिया होता है. उनको 50 प्रतिशत अनुदान स्वरूप आवेदन स्वीकृत होने पर दिया जाता है. प्रति हेक्टेयर 32040 की राशि का 50 प्रतिशत अनुदान स्वरूप स्वीकृत किया जाता है. अनुदान पाने के लिए किसानों को जमीन की रसीद, किसान रेजिस्ट्रेशन, बैंक अकाउंट डिटेल तथा अन्य कागजात आवेदन के साथ जमा करना होता है.
ताजीम हुसैन की रिपोर्ट