द एचडी न्यूज डेस्क : राजधानी पटना स्थित NMCH हॉस्पिटल का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस वीडियो को ट्वीट कर सरकार की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए हैं. लेकिन अब बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस वीडियो को झूठ बताया है.
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय इस वायरल वीडियो को ही भ्रामक यानी कि झूठा बता रहे हैं. मंगल पांडेय का कहना है कि ये वीडियो गलत है. मंगल पांडेय ने कहा कि वीडियो के बारे में मैने खुद एनएमसीएच के अधीक्षक से बात की है. लेकिन अस्पताल के सुपरिटेंडेंट ने हेल्थ मिनिस्टर को बताया कि कोई भी डेड बॉडी नहीं पड़ी है.
मंगल पांडेय ने बताया कि अगल कोई व्यक्ति की कोरोना से मौत हो जाती है तो एक प्रोटोकॉल के तहत बॉडी की अंत्योष्टि की जाती है. व्यक्ति के परिजनों को सूचना दिया जाता है उसके बाद जिला प्रशासन को सूचना दिया जाता है. पटना जिला प्रशासन और जिस जिला का रहने वाला मृतक व्यक्ति होता है, दोनों आपसी सामंजस्य से बातचीत कर आगे की कार्रवाई करते हैं. मृतक को बॉडी बैग में पैक कर मर्च्युरी वैन से ले जाया जाता है.
बता दें कि तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार के एक मात्र अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से वीडियो शेयर किया है जिसमें एक युवक जो खुद को कोरोना मरीज का बेटा बता रहा है. वह दावा कर रहा है कि एनएमसीएच में कोरोना से मरने वाले मरीजों के साथ जिंदा मरीजों को रखा जा रहा है.
तेजस्वी यादव ने लिखा है कि बिहार की भयावह स्थिति देखिए एनएमसीएच के कोरोना वार्ड में दो दिन से मृत मरीज़ों के शव रखे है. स्वस्थ मरीज़ बगल वाले बेड पर लेटे है. कोई डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी नहीं है. परिजन देखभाल कर रहे है. डॉक्टर, नर्स और वेंटिलेटर मुख्यमंत्री आवास भेज दिए गए है चूंकि वहां भी 60 कोरोना पॉज़िटिव केस पाए गए है. सरकार चुनावी तैयारियों में व्यस्त है. हालात और अधिक गंभीर होने वाले है. 15 वर्षीय कुर्सीवादी सरकार के भरोसे मत रहिए, अपना ख्याल खुद रखिए.
उपेंद्र कुमार की रिपोर्ट