नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पांच दिवसीय दिल्ली दौरे के तीसरे दिन आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की. ममता ने ये मुलाकात ऐसे समय में की है जब विपक्ष की एकजुटता को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. पेगासस, कृषि कानू और महंगाई के मुद्दे पर संसद ठप है.
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि सोनिया गांधी से मुलाकात सकारात्मक रही. विपक्षी एकता और पेगासस पर चर्चा हुई. मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की. बीजेपी को हराने के लिए एकजुट होना पड़ेगा. ममता ने पेगासस को लेकर कहा कि सरकार जवाब क्यों नहीं दे रही है. संसद में सरकार जवाब दे.
ममता ने सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी चाहती हैं कि विपक्षी दलों की एकजुटता हो. कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों पर और क्षेत्रीय दलों पर विश्वास है.
ममता ने आगे कहा कि अगर सभी क्षेत्रीय दल इकट्ठा हो जाएं तो एक दल पर भारी पड़ेंगे. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकजुटता और चेहरे को लेकर कहा कि मैं राजनीतिक ज्योतिषी नहीं हूं, स्थिति पर निर्भर करता है. अगर कोई और नेतृत्व करता है तो उससे कोई समस्या नहीं है.
टीएमसी अध्यक्ष ने कहा कि किसी को तो नेतृत्व करना ही है. समय आने पर चर्चा करेंगे. मैं अपनी राय नहीं थोपना चाहती. मैं सोनिया गांधी और अरविंद केजरीवाल से मिल रही हूं. लालू यादव ने कल फोन पर बात की. रोज हम बात कर रहे हैं. अभी तीन साल है. हम चर्चा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मेरा सभी के लिए सम्मान है. सोनिया गांधी विपक्ष की एकजुटता चाहती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी से देश की टक्कर होगी. लोकतंत्र को बचाने के चेहरे आ जाएंगे. मैं बनारस, मथुरा और वृंदावन जाऊंगी. ये मेरा देश है.
ममता बनर्जी एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात करने वाली हैं. बता दें कि मंगलवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने कहा था कि कोरोना टीकाकरण और बंगाल का नाम बदले जाने को लेकर चर्चा की.
ममता ने मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ, अभिषेक मनु सिंघवी और आनंद शर्मा से भी मुलाकात की थी. पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह पहला दिल्ली दौरा है.