पटना : बिहार में नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार को गिराने की कोशिश के तहत राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के फोन कॉल की एक और कहानी समाने आई है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी तथा विकासशील इनसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने इसका खुलासा करते हुए बताया है कि लालू उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे. इसके लिए वे लगातार फोन कर रहे थे. मांझी व सहनी के आरोपों से पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरीय नेता सुशील कुमार मोदी के उस आरोप को बल मिला है, जिसमें उन्होंने लालू यादव द्वारा विधानसभा स्पीकर के निर्वाचन में विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए एक ऑडियो ट्वीट किया है.
ललन के बाद अब मांझी व सहनी ने लगाए आरोप
विदित हो कि लालू प्रसाद यादव द्वारा बीजेपी विधायक ललन पासवान को फोन कर स्पीकर के निर्वाचन के दौरान अनुपस्थित हो जाने को कहा गया था. सुशील मोदी ने इसका ऑडियो ट्वीट किया. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. जेल में रहते हुए लालू प्रसाद यादव के फोन से बात करने के कथित ऑडियो की जांच शुरू कर दी गई है. इस बीच अब इस मामले में जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी भी कूद गए हैं. दोनों नेताओं ने दावा किया है कि उन्हें भी लालू प्रसाद यादव ने फोन किए थे.
मांझी बोले : मुख्यमंत्री बनाने तक का दिया था प्रलोभन
बिहार विधानसभा सत्र के दौरान सदन के बाहर जीतन राम मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने उन्हें जेल से दर्जनों बार फोन किया. लालू प्रसाद यादव ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने और उनके विधायकों को मंत्री बनाने तक के प्रलोभन दिए. मांझी ने कहा कि लालू की ये आदत रही है. वे दबाव बनाने की राजनीति करते हैं. उन्होंने मेरे परिवार के सदस्यों को भी कई बार फोन किया और दबाव बनाने की कोशिश की. हालांकि, कोई उनके प्रलोभन में फंसने वाला नहीं है.
सहनी ने कहा : मेरे पास भी आए लालू यादव के फोन
वीआइपी के अध्यक्ष और पशुपालन व मत्स्य विभाग के मंत्री मुकेश सहनी ने भी कहा कि उनके पास भी लालू प्रसाद यादव के फोन कॉल आए थे. उन्होंने कहा कि उन्हें जो जवाब देना था, दे दिया. साहनी ने कहा कि लालू की पार्टी को पीठ में खंजर मारने की आदत है. वे खुद इसका शिकार हो चुके हैं. मुकेश सहनी ने इससे अधिक कुछ भी कहने से इनकार किया.
राजद की सफाई : बेबुनियाद आरोप लगाते हैं मांझी
इस मामले में आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने भी सफाई दी है. उन्होंकने कहा है कि जीतन राम मांझी जैसे नेता की बात का कोई भरोसा नहीं किया जा सकता है. मांझी की आदत है कि वे इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाते रहते हैं. हर चुनाव के पहले पाला बदलते हैं और परिवार की राजनीति करते हैं.