द एचडी न्यूज डेस्क : पटना नगर निगम में भारी अनिमियतता मामला सामने आया है. सरकारी खजाने में जमा हुई जनता की गाढ़ी कमाई को पार्षद के द्वारा डाका कैसे डाला जाता है? अनिमियतता का मामला पटना नगर निगम के 21 नंबर वार्ड पार्षद पिंकी देवी पर नूतन अंचल कार्यालय गलत तरीके अपने सगे संबंधियों को भर्ती कर सरकारी पैसे का फर्जी निकासी कर रही है. कुंदन रॉय ,चंदन रॉय, सहोदर भाई पिंकी देवी वार्ड पार्षद बताया जाता है. पिंकी देवी जो कि 21 नंबर की वार्ड पार्षद है. वो पटना नगर निगम के नूतन अंचल में दैनिक कर्मचारी की सूची में शामिल है, लेकिन दोनों दुर्गापुर में रहते हैं. कार्यरत न रहने के वाबजूद दोनों की सैलरी खाते में आती है, जिसका प्रयोग कौन करता है, ये जांच का विषय है.
वहीं दूसरा मामला नूतन अंचल गर्दनीबाग से ही है, जहां संगीता देवी (पिंकी देवी की मामी) जो कि समस्तीपुर के मोहिउद्दीन नगर की रहने वाली है. विगत लगभग पांच महीने पूर्व उनके द्वारा नगर आयुक्त को भेजे आरोप पत्र में शिकायत की है, की मेरे पति की सगी भगिनी जो पटना नगर निगम वार्ड इक्कीस की पार्षद पिकी कुमारी वर्ष 2017 में पटना बुलाकर इंडियन बैंक में खाता खुलवाया. पटना के हड़ताली मोड़ पंत भवन स्थित इंडियन बैंक के उनका खाता संख्या 6580801969 है. उसका पासबुक भी वार्ड पार्षद के पास ही है.

शिकायत करने वाली संगीता देवी ने नगर आयुक्त पटना नगर निगम को आवेदन के जरिए बताया है कि मेरे नाम (संगीता देवी) पर खाते से हर माह फर्जी निकासी की जा रही है. जिसका पता पटना आने पर चला. पटना आने पर जब इंडियन बैंक में अपने खाता को चेक की तो पता चला की इसमें नगर निगम से हर माह राशी आती है जिसकी निकासी भी हो रही है. संगीता देवी का कहना है कि इस फर्जी निकासी से उनका कोई लेना-देना नहीं. मैं समस्तीपुर में स्थायी तौर पर रहती हूं. मेरा पटना आना-जाना नहीं होता है.


उचित यादव पटना के नगर निगम नूतन अंचल में उचित यादव का नाम कर्मचारी सूची में शामिल हैं. उचित यादव हर माह निगम के द्वारा सैलरी भी मिलती है. लेकिन जब इसका पड़ताल किया गया, तो उचित यादव अपने चाय दुकान पर पाए गए. उचित यादव ने कैमरे पर कहा कि वे कई वर्षों से चाय दुकान संभाल रहे है और प्रतिदिन चाय बेच कर ही गुजारा करते हैं. मंजू देवी का नाम नूतन अंचल कार्यालय में दैनिक कर्मचारी की सूची में जुड़ा है. लेकिन जब इसकी भी हकीकत की गई, तो सारे दावे की पोल खुल गई. मंजू देवी ने पहले तो कैमरे में अपनी सच्चाई को कुबूला. पर जब पता चला कि मीडिया उनकी हकीकत की पड़ताल करने पहुंची है, तो फिर क्या तुरंत वार्ड पार्षद को फ़ोन घुमा दिया गया. हकीकत और सच्चाई सामने न आ जाए, मंजू देवी के द्वारा वार्ड नंबर-21 पार्षद को फौरन फ़ोन लगाया गया, जहां मीडिया को वहां से भगाने का फरमान जारी किया गया. जो स्पीकर पर साफ सुनाई दे रही थी.




वहीं इस मामले में पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू ने कहा है कि मामला संज्ञान में आया. उनका कहना है कि इस मामले में जल्द अनुशंसा की जाएगी और पूरे मामले की जांच की जाएगी. पड़ताल में कुछ ऐसे लोग निकल कर सामने आए हैं, जो कि निगम की सूची में शामिल तो है. लेकिन साफतौर से सरकारी खजाने पर डाका डाल रहे हैं. नगर निगम को इस फर्जीवाड़े की घटना दैनिक कर्मियों के माध्यम से करीब छह महीनों से ऊपर हो गए. लेकिन निगम इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं और सरकारी खजाने पर बट्टा लगातार लगाया जा रहा है. नगर निगम के प्रावधान के अनुसार कोई भी वार्ड पार्षद अपने किसी भी सगे संबंधियों को निगम एवं अन्य कार्यालय में नियुक्तियां नही कर सकता.
नगर निगम आयुक्त हिमांशु शर्मा ने इस मामले पर प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उस पर खख्त कार्रवाई की जाएगी. इस मामले को बारकियों से जांच की जाएगी. कोई भी दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. बॉयोमैट्रिक मशीन से सभी का अटेंडेंस निकाला जाएगा. अगर इसमें थोड़ी भी अनियमितता पाई गई तो उस पर सख्त से सख्त से कार्रवाई की जाएगी.





संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट