लोहरदगा : लेखनी चाहे कविता के जरिए हो या कहानी के माध्यम से शब्दों में अगर जान हो तो आप पहचान के मोहताज नहीं हो सकते. ऐसा ही कुछ लोहरदगा के एक होनहार 16 वर्षीय युवा कल्याण कुमार ने कर दिखाया. जिन्होंने अपनी कविता एवं कहानी के माध्यम से लोगों के बीच एक अलग पहचान बनाया हैं. उन्होंने कलम को अपनी सोच के साथ इतना धारदार बनाया कि आज उनकी चार पुस्तकें बाजार में उपलब्ध है.
यही नहीं उनकी चौथी पुस्तक The Art Of Poetry को 2021 में IBA द्वारा Most Acknowledged book का खिताब मिला है साथ ही उनकी तीसरी पुस्तक The Journey to Freedom जो भारत की स्वतंत्रता पर लिखा गया है जिसे हिमाचल प्रदेश की एक स्कूल ने अपनी पाठ्यक्रम में शामिल किया है. वही उनकी पहली पुस्तक The Magic Of Voice तथा दूसरी पुस्तक मेरी मंजिल जो हिंदी में है इस पुस्तक की भी काफी सराहना की जा रही है.
कल्याण कुमार वर्तमान में 11वीं का छात्र है उनके पिता जगदीश प्रसाद यादव पोस्टमॉस्टर है जबकि मां सुनीता देवी एक गृहिणी है. जो कल्यान को काफी सपोर्ट करते है. कल्याण कहते गई कि आज के समय में सभी माता पिता अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाकर डॉक्टर इंजिनियर या बड़ा अधिकारी बनाना चाहते है. लेकिन मेरे माता पिता ने हमेशा मेरे इस काम में सहायता की है.
लॉकडाउन बना वरदान
कल्याण बताते है कि वर्ष 2018 में जब वे आठवीं का छात्र थे तब से उनकी रुचि पुस्तक लिखने को लेकर थी. इस कार्य में उनके मित्रों ने उनकी लेखनी की प्रशंशा की जिससे उनकी रुचि में ओर ज्यादा बढ़ोतरी हुई. जिसके बाद लॉकडाउन के दौरान उन्हें स्कूल नही जाना पड़ा जिसके कारण कल्याण ने अपना सारा समय पुस्तक लिखने में लगाया जिसके परिणाम स्वरूप आज उनकी पुस्तके पब्लिश हुई हैं.
गौरी रानी की रिपोर्ट