द एचडी न्यूज डेस्क : भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है. लता मंगेशकर को आठ जनवरी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था. इसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पातल में भर्ती करवाया गया. लता लगभग एक महीने से अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं. अस्पताल के डॉक्टर प्रतीत समदानी संग उनकी टीम लता की देखरेख और इलाज कर रहे थे. आज लता मंगेशकर दुनिया को अलविदा कह गई हैं. उनका अंतिम संस्कार आज शाम मुंबई के शिवाजी पार्क में होना है.
शुरू हुई लता के अंतिम संस्कार की तैयारी
लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार की तैयारी मुंबई के शिवाजी पार्क में शुरू हो गई है. आज शाम 6.30 पर शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
अंतिम संस्कार के लिए निकला पार्थिव शरीर
लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को उनके घर प्रभुकुंज से शिवाजी पार्क के लिए निकल गया. लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर वैन में रखा गया है. उनके बहनें आशा भोसले और उनके दूसरे परिवार के सदस्य भी इसी वैन में जा रहे हैं. वैन में ही लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर लेकर जाया जा रहा है. पूरे राजकीय सम्मान के लिए लता दीदी के पार्थिव शरीर को ले जाया जा रहा है. शिवाजी पार्क में ही लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार किया जाएगा. ऐसे में लता दीदी के पार्थिव शरीर को ले जाने की तैयारी हो रही है. उनके एक ट्रक को सजाया गया है. इस ट्रक पर लता मंगेशकर की एक बड़ी तस्वीर को लगाया गया है. इसपर लिखा है – भावपूर्ण श्रद्धांजलि. लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को लेकर उनका परिवार शिवाजी पार्क जा रहा है. इस काफिले में उनके साथ उनकी बहन आशा भोसले हैं.
अमिताभ पहुंचे प्रभुकुंज
लता मंगेशकर को आखिरी अलविदा कहने के लिए सदी के महानायक अमिताभ बच्चन उनके घर प्रभुकुंज पहुंच गए हैं. अमिताभ बच्चन के साथ उनके बेटी श्वेता बच्चन भी प्रभुकुंज पहुंची है. भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, उनके अलावा डायरेक्टर संजय लीला भंसाली भी लता दीदी के अंतिम दर्शन को पहुंचे हैं. उर्मिला मातोंडकर, लता मंगेशकर को आखिरी अलविदा कहने उनके घर पहुंची हैं. उर्मिला के अलावा नील नितिन मुकेश के पिता भी प्रभुकुंज गए हैं. बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर संजय लीला भंसाली भी प्रभुकुंज पहुंच गए हैं.
विदाई देने उमड़ा हुजूम
लता मंगेशकर अपने अंतिम सफर पर निकल गई हैं. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को प्रभुकुंज से शिवाजी पार्क ले जाया जा रहा है. लता मंगेशकर को विदाई देने के लिए चाहनेवालों का हुजूम उमड़ पड़ा है. सभी लता के अंतिम दर्शन करना चाहते हैं. पुलिस इस भीड़ पर काबू पाने की कोशिश कर रही है. ताकि लता दीदी के पार्थिव शरीर को ले जाने में दिक्कत ना हो.
सूर्यास्त के पहले होगा लता का अंतिम संस्कार
लता मंगेशकर अपने अंतिम सफर पर निकल गई हैं. मुंबई की गलियों से उनका काफिला निकल रहा है. कोविड प्रोटोकॉल के साथ लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को शिवाजी पार्क लेकर जाया जा रहा है. शाम साढ़े छह बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. रास्तेभर में लता मंगेशकर के चाहनेवाले उनके अंतिम दर्शन के लिए आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सूर्यास्त से पहले लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार किया जाएगा और वह हमेशा के लिए पांच तत्वों में विलीन हो जाएंगी.
अपने गाने सुनने में कतराती थीं लता
लता मंगेशकर के जीवनीकार हरीश भिमानी ने बताया कि लता दीदी अपने गाने सुनने में कतराती थीं. लता मंगेशकर को अपने गाने सुनना खास पसंद नहीं था. वह गानों को सुनने में कतराती इसलिए थीं क्योंकि उन्हें इनमें त्रुटि दिखती थी. उन्हें लगता था कि वह बहुत कुछ बेहतर कर सकती थीं. लता मंगेशकर अपनी कला में एक्सपर्ट मानी जाती थीं, लेकिन वह असल जिंदगी में एक शिष्या थीं, जो म्यूजिक के बारे में रोज कुछ ना कुछ सीख रही थीं.
लता मंगेशकर को याद कर भावुक हुए गुलजार
संगीत जगत ने आज अपना एक अनमोल रत्न ‘लता मंगेशकर’ को खो दिया है. उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए गीतकार गुलजार साहब की आंखें भी नम हो गईं. गुलजार साहब ने लता के कई यादगार लम्हों को साझा किया. उन्होंने बताया कि लता बहुत दिलदार थीं. वे हमेशा तोहफे देती रहती थीं. लता के निधन पर गुलजार साहब अपनी आंसुओं को रोक नहीं पाए.
तिरंगे में लिपटकर आखिरी सफर के लिए रवाना हुईं लता
तिरंगे में लिपटकर लता के अंतिम सफर का काफिला निकला. हजारों लोगों की भीड़ लता के अंतिम संस्कार में उमड़ी. लता मंगेशकर को राजकीय सम्मान के साथ शिवाजी पार्क में अंतिम विदाई दी जाएगी.
अपने आखिरी पलों में पिता के गाने सुन रही थीं लता
लता मंगेशकर की जिंदगी पर किताब लिखने वाले हरीश भिमानी ने लता जी के आखिरी पलों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि लता जी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने लता के आखिरी दो दिनों की बात साझा की थी. दो दिन पहले लता जी होश में थीं. वे वेंटिलेटर पर अपने पिता के गाने सुन रही थीं. उन्होंने अस्पताल में ईयरफोन मंगवाए थे.
अगर गायिका नहीं होतीं तो राइटर होतीं लता मंगेशकर
हरीश भिमानी ने बताया कि राष्ट्र के साथ उन्हें बहुत प्रेम था जितना उन्हे संगीत से था. वे चाहती थीं भारत एक मजबूत राष्ट्र बनें, भारत का ध्वज सबसे ऊंचा लहराए. अगर वह गायिका न होतीं तो एक राइटर होतीं. जब उनसे पूछा कि आप केवल गाना क्यों गाती गईं. लता जी के कहा जब मेरा जन्म हुआ तो भगवान ने मुझे कहा तो धरती पर जा और गाना गा. और वाकई देखा जाए तो उन्होंने सब कुछ अपने संगीत में समर्पित कर दिया.
शिवाजी पार्क पहुंचा लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर
लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर शिवाजी पार्क पहुंच चुका है. शाम साढ़े छह बजे लता मंगेशकर को अंतिम संस्कार दी जाएगी. लता के अंतिम संस्कार के लिए उनकी बहन आशा भोसले समेत पूरा परिवार पहुंचा है.