PATNA : सूबे बिहार से बड़ी खबर आ रही है। जहां शराबबंदी कांड में अबतक 80 लोगों की जान जा चुकी है। बिहार के कई अस्पतालों में अभी भी जहरीली शराब से लोग अस्पताल में भर्ती है। ज्यदातर लोगों ने अपनी आंखों की रौशनी भी गवा दी है।
वही दुसरी तरफ शराबबंदी कांड को लेकर सदन से लेकर सड़क तक राजनीति पूरी तरह गर्म है। सियासत में जहरीली शराब से हो रही मौत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। बता दें कि, जहरीली शराब से मौत के आंकड़े बढ़ते ही जा रहा हैं। इतना ही नहीं, जहरीली शराब की चपेट में अब केवल छपरा के ही लोग नहीं बल्कि दूसरे जिले के भी लोग आ रहे हैं।
दरअसल, जहरीली शराब से मौत का मामला अब छपरा से सीवान और बेगूसराय में भी पहुंच गया है। आपको बता दें कि, जहरीली शराब से मौत के आंकड़े 80 के पार पहुंच गया है। हलाकि सारण जिला अभी भी आंकड़ो के लिहाज से 40 लोगों की मौत गिना रही है।
पूरे मामले पर जिला प्रशासन एक्शन में है। जहां तहा छापेमारी के साथ सघन जांच की जा रही है। भारी मात्रा में स्प्रिट के कंटेनर को बरामद किया गया। लेकिन, उन कंटेनर में से स्प्रिट बरामद नहीं हुआ. जिसको लेकर अब आशंका जताई जा रही है कि इसी का इस्तेमाल कर शराब बनाया गया होगा. उधर, शराब से हुई मौत को लेकर सियासत में भी उबाल आ गया है।
बीजेपी के तमाम नेताओं ने शराबकांड में हुई मौत को लेकर परिजनों को मुआवजे देने की मांग की है। वही सरकार के तरफ से सीएम नीतीश कुमार ने दो टूक जबाब देते हुए साफ कर दिया है कि पीओगे तो मरोगे, मुआवजा नहीं मिलेगा।
इस बीच बीजेपी के विधायक ने राज्यपाल फागू चौहान से मिल कर राष्ट्रपति शासन लाूग करने की मांग की है। सीएम नीतीश से इस्तीफा से मांग के साथ ही आज बिहार के तमाम जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
पटना से संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट