नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो व बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं. लालू यादव एक बार फिर से फंसते हुए नजर आ रहे हैं. चारा घोटाले के दो मामलों में रांची हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी. लेकिन, अब जमानत रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू करने का फैसला लिया है. हालांकि, लालू यादव चारा घोटाले के एक और अन्य मामले में सजायाफ्ता होकर पिछले दिनों गिरफ्तार हुए थे और फिलहाल दिल्ली के एम्स में अपना इलाज करवा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने लालू यादव से इस मामले में जवाब देने को कहा है. सोमवार को ही जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने जमानत को चुनौती देने वाली याचिका को मंजूर किया है.
लालू यादव की रद्द हो सकती है जमानत
झारखंड सरकार की ओर से दायर अर्जी में राज्य के उच्च न्यायालय की ओर से दुमका राजकोष मामले में 17 अप्रैल 2021 को दी जमानत को चुनौती दी गई थी. बता दें कि चाईबासा राजकोषीय मामले में भी नौ सितंबर 2020 को लालू यादव को बेल दी गई थी. उस मामले में भी याचिका दायर की गई थी, जिस पर अदालत ने सुनवाई का फैसला लिया है.
बता दें कि चारा घोटाले कई मामलों में लालू यादव दोषी करार दिए गए हैं. इसमें अवैध निकासी के मामले में भी शामिल है. चारा घोटाले से जुड़े कुल पांच मामले हैं, जिनमें 950 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है. साल 1996 में यह मामला सामने आया था. जब चाइबासा के डिप्टी कमिश्नर अमित खरे ने पशु पालन विभाग में छापेमारी की थी. पटना हाईकोर्ट ने मार्च 1996 में इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.