रांची : अरबों रुपए के पशुपालन घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद के दो साल एक महीने से ज्यादा समय से रिम्स में इलाजरत रखने को लेकर प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सवाल खड़ा किया है. प्रदेश की हेमंत सरकार के साथ-साथ रिम्स की चिकित्सा सेवा व्यवस्था और जेल प्रशासन की मंशा पर भी सवाल खड़ा किया है.
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि गिनीज बुक में रिकॉर्ड कायम करना और मंत्री स्तर के बंगले में सजा काटने जैसे रिकॉर्ड पहले से लालू प्रसाद के नाम थे. अब उन्होंने रिम्स में सबसे ज्यादा दो वर्ष एक महीना इलाज कराने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है. इससे साफ है कि प्रदेश की हेमंत सरकार ने लालू प्रसाद के सामने घुटने टेक कर रेड कारपेट बिछा दिया है.
वहीं लालू प्रसाद का इलाज कर रहे डॉ. उमेश प्रसाद का कहना है कि इतने लंबे समय तक कोई मरीज रिम्स में भर्ती नहीं रहा है. चूंकि लालू प्रसाद को कोर्ट ने भेजा है इसलिये हमलोगों के सामने भी मजबूरी है कि जब तक न्यायालय का आदेश या सरकार का आदेश नहीं नही आ जाता है तब तक और दूसरा वे कैदी हैं तो जब तक उनका बेल नही हो जाता या सरकार से आदेश नहीं आ जाता तब तक छुट्टी नहीं कर सकते हैं. साथ ही कहा कि लालू प्रसाद की बीमारी जो है वो चीर है. लालू प्रसाद डायबिटीज और किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं जो सुधरने वाला नहीं है वो और आगे ही बढ़ेगा. छह महीने या सालभर में ऐसा एक समय आएगा जब वो डायलिसिस कराने को बाध्य हो जाएंगे.
वहीं जब इस मामले पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद सकुशल हैं उनका इलाज चल रहा है. जब लालू प्रसाद पूरी तरह ठीक हो जाएंगे तो फिर निर्णय लिया जाएगा. वहीं जेएमएम का इस मुद्दे पर कहना है कि डॉक्टर्स का मामला है और डॉक्टर्स ही बता पाएंगे कि लालू प्रसाद का स्वास्थ्य कैसा है. और ये मामला जेल प्रबंधन और अस्पताल प्रबंधन का है की लालू प्रसाद को कहां रखा जाए कैसे रखा जाए. इसपर कोई टीका-टिप्पणी करना ठीक नही.
बहरहाल, ऐसे में विवादों से चोली दामन का साथ रखने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को रिम्स में लंबे समय से इलाजरत होना कहीं ना कहीं सवाल तो खड़ा करता है. जिससे ना तो जेल प्रशासन और ना ही प्रदेश की गठबंधन की सरकार बच सकती है.
गौरी रानी की रिपोर्ट