रांची : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में सबसे बड़े मामले डोरंडा ट्रेजरी केस में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल भेज दिया गया है. इससे पहले लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता की ओर से उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए यह आग्रह किया गया कि उन्हें बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल की जगह अभी रिम्स भेजा जाए. मगर नियमों के तहत लालू को पहले जेल ही भेजा गया. अब उन्हें अस्पताल में भेजना है या बैरक में रखना है, इस पर जेल सुप्रीटेंडेंट को फैसला लेना होगा.
लालू के वकील ने दी जानकारी
अधिवक्ता अनंत कुमार वित्ज ने बताया कि लालू प्रसाद के रिम्स या अन्य मेडिकल संस्थान भेजे जाने पर जेल सुप्रीटेंडेंट निर्णय लेंगे. जेल मैनुअल के अनुसार यदि शाम चार बजे के पहले लालू प्रसाद को रिम्स अन्य मेडिकल संस्थान भेजने के संबंध में फैसला नहीं लिया जाता है तो नियम के मुताबिक, आज की रात लालू प्रसाद को जेल में ही बितानी पड़ेगी. इसकी वजह ये है कि शाम चार बजे के बाद किसी भी कैदी को सिर्फ विशेष परिस्थिति में जेल से बाहर आने की अनुमति दी जाती है. वहीं अधिवक्ता ने बताया कि लालू प्रसाद को अभी जेल भेजा गया है और वहां से मेडिकल जांच के बाद अस्पताल भी भेजा जा सकता है. उन्हें रिम्स या दिल्ली स्थित एम्स अथवा अन्य मेडिकल अन्य मेडिकल संस्थान में भेजा जा सकता है.
दोषी करार देने के बाद जेल नहीं रिम्स भेजे गए लालू यादव
चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गए हैं. लेकिन, लालू के अधिवक्ता ने लालू के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए लालू यादव को रिम्स में रखने का आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. यानि लालू प्रसाद यादव को फिलहाल रिम्स के पेइंग वार्ड में ले जाया गया है, जहां उनका इलाज भी किया जाएगा. बता दें, चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गए हैं. सीबीआई के विशेष जज एसके शशि की अदालत ने लालू यादव को दोषी करार दिया है. 21 फरवरी को लालू के सजा के बिंदुओं पर सुनवाई होगी. यानी 21 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी.
लालू ठहराए गए दोषी
सीबीआई के न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने लालू यादव सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की थी, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी. अंतिम आरोपी डॉ शैलेंद्र कुमार की ओर से बहस दो9 जनवरी को पूरी हुई. सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में प्रत्यक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया था. मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं और छह फरार हैं. प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ. केएम प्रसाद मुख्य आरोपी थे.
इनको ठहराया गया दोषी
डोरंडा ट्रेजरी केस से अवैध निकासी को लेकर लालू यादव समेत कुल 99 अभियुक्तों का फैसला कोर्ट ने किया. इस मामले में लालू यादव समेत कुल 75 आरोपी दोषी करार दिए गए हैं. लालू यादव के अलावा आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भागत को भी सीबीआई कोर्ट ने दोषी पाया.
इनको इतनी सजा-जुर्माने का ऐलान
मो तौहीद- तीन साल कैद और दो लाख रुपया जुर्माना
अभय कुमार सिन्हा- तीन साल कैद और दो लाख रुपया जुर्माना
श्यामनंदन सिंह- तीन साल कैद, 75 हजार रुपया जुर्माना
नंदकिशोर प्रसाद- तीन साल कैद, 50 हजार रुपया जुर्माना
संदीप मल्लिक- तीन साल कैद, एक लाख रुपया जुर्माना
सरस्वती चन्द्र- दो लाख रुपया जुर्माना
सुनील कुमार सिन्हा- दो लाख रुपया जुर्माना
राकेश गांधी- तीन साल कैद, 50 हजार रुपया जुर्माना
शरद कुमार- दो लाख रुपया जुर्माना
नयन रंजन- तीन साल कैद, 10 हजार रुपया जुर्माना
सुलेखा देवी- दो लाख रुपया जुर्माना
मदन मोहन पाठक- 75 हजार रुपया जुर्माना
बाल किशन शर्मा- तीन साल कैद
संजय कुमार- दो हजार रुपया जुर्माना
मंजू बाला- 50 हजार रुपया जुर्माना
रविन्द्र प्रसाद- 50 हजार रुपया जुर्माना
रामनंदन सिंह- डेढ़ लाख रुपया जुर्माना
राजन मेहता- 75 हजार रुपया जुर्माना
ध्रुव भगत- 75 हजार रुपया जुर्माना
जगदीश शर्मा- दो लाख रुपया जुर्माना
बीएन शर्मा- दो लाख रुपया जुर्माना
जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव- दो लाख
डॉ. सुरेन्द कुमार सिंह- दो लाख
शशि भूषण वर्मा- अनुपस्थित
शैलेन्द्र कुमार सिन्हा- अनुपस्थित
राकेश कुमार सिन्हा- अनुपस्थित
राजेन्द्र बैठा- अनुपस्थित
रामाशीष सिंह- अनुपस्थित
कमल किशोर शरण- अनुपस्थित
उमाकांत यादव- 40 हजार, तीन साल
रामकिशोर शर्मा- 40 हजार, तीन साल
रामनाथ राम- 40 हजार, तीन साल
परमेश्वर प्रसाद यादव- 40 हजार, तीन साल
अधिचन्द चौधरी- 40 हजार, तीन साल
अशोक यादव- 40 हजार, तीन साल
गौरी रानी की रिपोर्ट