पटना ब्यूरो
पटना: राजधानी में शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सूचना जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, पुलिस मुख्यालय से एडीजी जितेन्द्र कुमार एवं आपदा प्रबंधन विभाग के नोडल पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने मीडियाकर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। अनुपम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना से उत्पन्न हालात के हर पहलूओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और जरुरतमंद को हरसंभव मदद का लगातार निर्देश दे रहे हैं। कोरोना के बाद हुए लॉकडाउन के बाद की ज़मीनी हक़ीकत को समझते हुए सरकार ने छात्र, किसान, बिहार से बाहर फंसे लोगों एवं राज्य के अन्य जरुरतमंद लोगों के लिए अब तक 6000 करोड़ की राशि खर्च की है, और जितनी जरुरत होगी उतनी व्यय सरकार की तरफ से की जाएगी। एक करोड़ दो लाख राशन कार्डधारियों के लिए 1020 करोड़ की राशि खर्च की गई। शिक्षा विभाग के विभिन्न योजनाओं के तहत वर्ग एक से लेकर 12 वीं तक के सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृति एवं अन्य योजनाओं के तहत एक करोड़ आठ लाख छात्र-छात्राओं के खाते में तकरीबन 3102 करोड़ की राशि ट्रांसफर कर दी गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सामाजिक सुरक्षा के तहत सूबे के सभी 84 लाख 76 हजार पेंशनधारियों (मुख्य मंत्री वृद्धजन पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन एवं वृद्धावस्था पेंशन योजना) के खाते में तीन महीने की अग्रिम पेंशन की राशि भुगतान कर दी गई है, इसमें राज्य के खजाने से 1017 करोड़ की राशि खर्च की गई है। वहीं असामयिक ओला-वृष्टि और फसल नुकसान को लेकर कृषि इनपुट अनुदान के तहत 578 करोड़ 42 लाख की राशि खर्च की गई है। बिहार से बाहर फंसे लोगों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री विशेष सहायता के तहत 15 लाख से ज्यादा लोगों के खाते में 1000 की राशि भेज दी गई है। कोरोना उन्मूलन कोष में 159 करोड़ की राशि उपलब्ध है, जिसके व्यय के लिए स्वास्थ्य विभाग को अधिकृत किया गया है। हाल ही में हुए असामयिक बारिश और ओलावृष्टि से फसल क्षति के सर्वे का काम किया जा रहा है और रिपोर्ट आने के बाद जल्द ही ऐसे किसानों को भी कृषि इनपुट अनुदान का लाभ मिलेगा। सभी लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने 10 पैसे प्रति युनिट बिजली की दर में कटौती की। अनुपम कुमार ने बताया कि सरकार वैसे सभी आवश्यक कदम उठा रही है जिससे जरुरतमंद को कोई समस्या ना हो। बिहार में पिछले 24 घंटे में 56 नए मामले आने के बाद बिहार में कोरोना पाजिटिव केस का आंकड़ा 238 हो गया है। बिहार में 220 आपदा राहत केन्द्र चलाए जा रहे हैं जिसका लाभ 71 हजार छह सौ 24 लोग उठा रहे हैं।
पंचायत स्तर पर स्थित 1027 क्वारेंटाईन सेंटर में नौ हजार 82 लोग आवासीत हैं, जिन्हें भोजन और चिकित्सीय सुविधा मुहैया करायी जा रही है। लाकडाउन के कारण बिहार के बाहर फंसे बिहार के लोगों के अब तक 23 लाख 42 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 15 लाख 22 हजार आवेदकों के खाते में 1000 रूपये की राशि भेज दी गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार फाउंडेशन के जरिये बिहार के बाहर फंसे नौ राज्यों के 12 शहरों में 54 राहत केन्द्र चलाए जा रहे हैं जिससे 11 लाख 40 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं। एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है और कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों में जो अवरोध पैदा कर रहा है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 39 एफआरआई दर्ज किए गए हैं। 22 गिरफ्तारियां हुई हैं और 1863 वाहन जब्त किए गए है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अब तक 15 हजार 8 सौ 85 लोगों के सैंपल की जांच की जा चुकी है। डोर टू डोर स्क्रीनिंग के तहत में अब तक 71 लाख 25 हजार घरों के सर्वेक्षण किए जा चुके हैं, जिनमें 2526 लोगों में बुखार, खांसी एवं सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण पाए गए, जिनमें से 1890 का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।