रेलवे ने राज्य सरकारों की मांग पर देश के कई महानगरों में फंसे मजदूरों को घर वापस ले जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत की है. रविवार को भारतीय रेलवे ने सभी जोन्स के लिए गाइडलाइंस जारी किया . इसके साथ ही रेलवे ने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें तभी चलेंगी जब कम से कम 90 फीसदी सीटों के लिए बुकिंग की जाए. रेलवे ने किराया, खाना, पानी, सुरक्षा को लेकर हर बात स्पष्ट कर दी है.
बताते चले कि रेलवे की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है, ”सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें नॉन स्टॉप होंगी और एकमात्र गंतव्य के लिए होगी. सामान्यत: ये 500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए होंगी. ट्रेनों को बीच के किसी स्टेशन पर नहीं रोका जाएगा. एक ट्रेन में (मिडिल बर्थ को छोड़कर) करीब 1200 लोग सफर कर सकते हैं.’ गाइडलाइंस में कहा गया है कि जिस राज्य से यात्रा प्रारम्भ होगी वहां की सरकार को यात्रियों का समूह तैयार करना होगा. ट्रेन में यात्रियों की संख्या क्षमता से 90 फीसदी से कम नहीं हो सकती है.
साथ ही रेलवे ने कहा कि स्थानीय राज्य सरकार यात्रियों को टिकट सौंपेगी और उनसे टिकट वसूल करके एकत्रित राशि रेलवे को सौंपेगी. यह भी कहा गया है कि जिस राज्य से ट्रेन खुलेगी वहां की सरकार को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करनी है ताकि केवल वे ही लोग स्टेशन परिसर में आ पाएं जिन्हें मंजूरी दी गई है और जिनके पास टिकट मौजूद है.
तो वहीं रेलवे दिए गए गंतव्य के लिए टिकट प्रिंट करेगी और स्थानीय राज्य सरकार प्रशासन को सौंप दिया जाएगा. राज्य सरकार उन टिकटों को उनके द्वारा तैयार लिस्ट के मुताबिक यात्रियों को टिकट सौंपेगी और उनसे किराया वसूल करेगी. किराया एकत्रित करके राज्य सरकार रेलवे के पास जमा कराएगी.
जहां से यात्रा की शुरुआत होगी उस राज्य सरकार को खाने के पैकेट्स और पीने के पानी का भी इंतजाम करना होगा. यदि यात्रा 12 घंटे से अधिक के लिए होगी तो एक समय का खाना रेलवे की ओर से दिया जाएगा. सभी यात्रियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है. प्रशासन को सभी यात्रियों को इसकी जानकारी देनी है. साथ ही यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा.
गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद वहां की राज्य सरकार यात्रियों को रिसीव करेगी. स्थानीय प्रशासन को स्क्रीनिंग, क्वारंटाइन और आगे की यात्रा आदि की व्यवस्था करनी होगी. वहां सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए. रेलवे ने यह भी कहा है कि यदि सुरक्षा या हाइजीन से संबंधित नियमों का यदि किसी भी चरण में उल्लंघन होता है तो श्रमिक स्पेशल ट्रेन की सेवा रद्द की जा सकती है.