संदीप सिंह
कोरोना महामारी का दुनिया में संकट इस कदर मंडरा रहा है कि हर कोई बेबस और लाचार हो गया है. अमेरिका से लेकर इटली फ्रांस स्पेन तक कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा हर देश में काफी ज्यादा है. भारत में भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं, लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि कोरोना से पहले भी कुछ महामारी ने दुनिया पर बेइंतहा सीतम ढाया था. आज हम आपको दुनिया के पांच ऐसी महामारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका इतिहास कोरोना काल से ज्यादा खतरनाक साबित हुआ है.
BLACK DEATH यानी काली मौत. ये यूरोप के इतिहास का एक ऐसा अध्याय है जिसके बारे में सोचकर दुनिया आज भी कांप उठती है. ब्लैक डेथ नाम की इस बीमारी ने साल 1346 में अपनी दस्तक दी थी. इस बीमारी ने पूरे यूरोप को तबाह कर दिया था. बताया जाता है कि इसका असर करीब 10 साल तक दिखा था जिसमे करीब 20 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौतें हुई थी.
1918 का वह दौर जिस वक्त पूरी दुनिया प्रथम विश्व युद्ध के सदमे से निकलने की कोशिश में जुटी थी. उसी वक्त स्पेनिश फ्लू नाम के महामारी का तांडव पूरी दुनिया ने देखा. उस वक्त हर कोई उस खौफनाक पल का गवाह बना क्योंकि जितने लोगों ने पहले विश्व युद्ध से अपनी जान गंवाई थी. उससे दोगुनी संख्या में लोग इस महामारी की चपेट में आए थे. स्पेनिश फ्लू का कहर दुनिया पर कुछ यूं बरपा कि उस समय दुनिया के करीब एक तिहाई लोग इस बीमारी के शिकार हुए थे. स्पेऩिश फ्लू से संक्रमित लोगों का आंकड़ा लगभग 60 करोड़ था जिसमें करीब पांच करोड़ लोगों की मौतें हुई थी.
अब बात तीसरी महामारी की करते हैं. जस्टिनियन प्लेग से दुनिया तकरीबन चार साल तक प्रभावित रही थी. विशेषज्ञों का दावा रहा है कि इस प्लेग से दुनिया के करीब 16 फीसदी से अधिक जनसंख्या खत्म हो गई थी. अनुमान लगाया जाता है कि इससे करीब पांच करोड़ लोग मारे गए थे. एशिया, नॉर्थ अफ्रीका, अरब और यूरोप में इस संक्रमण ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया था.
HIV का नाम तो आप सभी ने सुना ही होगा. ये एक प्रकार का वायरस यानी विषाणु है जो मनुष्य के शरीर की रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रहार करता है. इससे बीमारी के खिलाफ लड़ने की क्षमता धीरे-धीरे कम होता जाता है. एक स्थिति पर पहुंचकर ये लाइलाज बीमारी एड्स का कारण बन जाता है. बताया जाता है कि इस बीमारी का संक्रमण सेक्स और खून के जरिए ही इंसानी जिस्म तक पहुंचता है. HIV/AIDS के बारे में दुनिया को पहली बार 1981 में पता चला था. विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो अबतक इस बीमारी की वजह से चार करोड़ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. खास बात यह है कि ये बीमारी आज भी हमारे समाज में मौजूद है जिसे जड़ से मिटा पाने में अबतक कामयाबी नहीं मिली है.
अब आखिरी में बात कोरोना वायरस की कर लेते हैं. माना जा रहा है कि साल 2019 के अंत इसका खुलासा चीन में हुई. कोरोना की सबसे पहली दस्तक चीनव के वुहान में दिखी थी. कोरोना संक्रमण का रफ्तार ऐसा रहा कि दो महीने से कम वक्त में इसने पूरी दुनिया के 200 से अधिक देशों को अपनी चपेट में ले लिया.
फिलहाल 25 मई तक के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना की वजह से पूरे दुनिया में 56 लाख लोग इस बीमारी की चपेट में हैं और इससे करीब तीन लाख 45 हजार मौतें हो चुकी है. इसका सबसे खतरनाक आंकड़ा अमेरिका से सामने आ रहा है जहां 16 लाख मरीज इसकी जद में हैं. वहीं अकेले अमेरिका में मरने वालों की तादाद एक लाख के पार जा चुकी है. भारत में भी हालात दिनो दिन खराब होते जा रहे हैं. 26 मई तक देश में एक लाख 51 हजार 768 हजार मरीज सामने आ चुके हैं और अबतक 4337 की जानें जा चुकी है.
फिलहाल कोरोना पूरी दुनिया में अपना कहर ढा रहा है लेकिन जिन देशों में यह बर्बादी लेकर आया है उसमे अमेरिका के अलावा ब्राजील, रुस, स्पेन, इंगलैंड, इटली, फ्रांस, जर्मनी, टर्की और ईरान शामिल है. भारत में बढ़ते आंकड़े खतरनाक तबाही की तरफ इशारा कर रहे हैं. ऐसे में जब देश में सरकारी व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और सरकार ने अघोषित तौर पर हालात के सामने सरेंडर कर दिया हो, तो ऐसे में सतर्कता और एतहियात के जरिए ही लोग इस महामारी से खुद को बचा सकते हैं.