By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
THE HD NEWS
  • About us
  • Advertisement
  • Contact us
Notification
  • Home
  • States
  • Bihar
  • Jharkhand
  • Crime
  • Politics
  • National
  • Sports
  • Business
Font ResizerAa
THE HD NEWSTHE HD NEWS
Search
Follow US
HD SpecialTrending

महात्मा गांधी के जयंती पर जानें उनकी जीवनी के बारे में

Bj Bikash
Last updated: 2nd October 2021 11:21 am
By Bj Bikash
Share
7 Min Read
SHARE

द एचडी न्यूज डेस्क : भारत ही नहीं, वरन दुनिया के कई देशों में गांधीजी और उनके विचारों की प्रासंगिकता आज भी ज्वलंत हैं। भारत रत्न मोहनदास करमचंद गांधी यानी महात्मा गांधी, उन्हें प्यार से लोग बापू कहकर पुकारते थे। बापू का जन्म 2 अक्टबर को हुआ था। इसलिए देश भर में 2 अक्टबर को गांधी जयंती के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है। महात्मा गांधी का आज 152वीं जयंती है. तो आइए जानते हैं महात्मा गांधी के जीवनी के बारे में….

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। वो पुतलीबाई और करमचंद गांधी के तीन बेटों में सबसे छोटे थे। करमचंद गांधी कठियावाड़ रियासत के दीवान थे। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा “सत्ये के साथ मेरे प्रयोग” में बताया है कि बालकाल में उनके जीवन पर परिवार और माँ के धार्मिक वातावरण और विचार का गहरा असर पड़ा था। राजा हरिश्चंद्र नाटक से बालक मोहनदास के मन में सत्यनिष्ठा के बीज पड़े। मोहनदास की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई स्थानीय स्कूलों में हुई। वो पहले पोरबंदर के प्राथमिक पाठशाला में और उसके बाद राजकोट स्थित अल्बर्ट हाई स्कूल में पढ़े। पढ़ने-लिखने में वो औसत थे। सन् 1883 में करीब 13 साल की उम्र में करीब छह महीने बड़ी कस्तूरबा से उनका ब्याह हो गया।

आत्मकथा में गांधी जी ने बताया है कि वो शुरू-शुरू में ईर्ष्यालु और अधिकार जमाने वाले पति थे। स्थानीय स्कूलों से हाई स्कूल की पढ़ाई करने के बाद साल 1888 में गांधी वकालत की पढ़ाई करने के लिए ब्रिटेन गये। जून 1891 में उन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी कर ली और फिर देश वापस आ गये। देश में गांधी की वकालत जमी नहीं।

साल 1893 में वो गुजराती व्यापारी शेख अब्दुल्ला के वकील के तौर पर काम करने के लिए दक्षिण अफ्रीका चले गये। गांधी के अफ्रीका प्रवास ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी। करीब 23 साल के मोहनदास को तब शायद ही पता हो कि जीवन के अगले 21 साल वो दक्षिण अफ्रीका में गुजारने वाले हैं। महात्मा गांधी रस्किन बॉण्ड और लियो तोल्सतोय की शिक्षा से बहुत ज्यादा प्रभावित थे। वो जैन दार्शनिक राज चंद्र से भी प्रेरित थे। गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में तोल्सतोय फार्म की भी स्थापना की थी। लंदन प्रवास के दौरान ही उन्होंने हिन्दू, इस्लाम और ईसाई आदि धर्मों का अध्ययन किया था। उन्होंने विभिन्न धर्मों के प्रमुख बुद्धिजीवियों के संग धर्म संबंधी विषयों पर काफी चर्चा की थी।

गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के अधिकारों और ब्रिटिश शासकों की रंगभेद की नीति के खिलाफ सफल आंदोलन किए। दक्षिण अफ्रीका में उनके सामाजिक कामों की गूंज भारत तक पहुंच चुकी थी। 1915 में जब वो हमेशा के लिए भारत वापस आए तो उनकी आगवानी के लिए मुंबई (तब बंबई) के कई प्रमुख कांग्रेसी नेता उनके स्वागत के लिए पहुंचे। इन नेताओं में गोपाल कृष्ण गोखले भी थे जिन्हें गांधी अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। गांधी की भारत वापसी के पीछे गोखले की अहम भूमिका थी। भारत आने के बाद गांधी ने मई 1915 में गुजरात के अहमदाबाद में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।

भारत आने के बाद गांधी ने देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों शामिल होना शुरू किया। भारत में उन्होंने पहली महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्रवाई 1917 में बिहार में चंपारण से नील आंदोलन की शुरुआत से की। नील की खेती करने वाले किसानों को गांधी ने कष्टकारी ब्रिटिश कानून से मुक्ति दिलायी। 1917 में अहमदाबाद में हैजा के प्रकोप की वजह से उन्हें अपना आश्रम साबरमती ले जाने पड़ा, जहां वो आज भी स्थित है। 1918 में खेड़ा के किसान आंदोलन का नेतृत्व किया।

गोखले की साल 1915 में मृत्यु हो जाने के बाद कांग्रेस में सबसे बड़े नेता बाल गंगाधर तिलक थे। 1920 में तिलक के निधन के बाद गांधी कांग्रेस के सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरे। 1919 में जलियांवाला बाग में हजारों निहत्थे भारतीयों के नरसंहार के विरोध में गांधी ब्रिटिश सरकार से मिले इनाम-ओ-इकराम वापस कर दिये। ब्रिटिश सरकार के रौलेट एक्ट के खिलाफ उन्होंने “सविनय अवज्ञा आंदोलन” की शुरुआत की। गांधी ने अली बंधुओं के खिलाफत आंदोलन का भी समर्थन किया। अली बंधुओं (शौकत अली और मोहम्मद अली जौहर) ने तुर्की के ऑटोमान साम्राज्य के शासक को ब्रिटिश शासकों द्वारा सत्ता से हटाए जाने के खिलाफ आंदोलन किया था। सितंबर 1924 में गांधी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए 21 दिनों का उपवास रखा था। इस दौरान ही वो कांग्रेस के अध्यक्ष बने और उसमें आमूलचूल बदलाव किए।

मार्च 1930 में गांधी ने अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा दांडी मार्च शुरू की। “नमक सत्याग्रह” नाम से मशहूर गांधी जी की करीब 200 मील लम्बी इस यात्रा के बाद उन्होंने नमक न बनाने के ब्रिटिश कानून को तोड़ दिया था। साइमन कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर ब्रिटिश सरकार ने भारत के “स्वराज की मांग” पर विचार के लिए गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिए गांधी ब्रिटेन में हुई गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुए। गांधी ने 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया। ये आंदोलन ब्रिटिश हुकूमत के ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ। भारत छोड़ो आंदोलन, आजाद हिन्द फौज, नौसेना विद्रोह और दूसरे विश्व युद्ध से उपजे हालात के मद्देनजर अंग्रेजों का हौसला पस्त हो गया था। जून 1947 में ब्रिटिश वायसराय लार्ड लुई माउंटबेटन ने घोषणा की कि 15 अगस्त 1947 को हिन्दुस्तान आजाद हो जाएगा। हालांकि आजादी के साथ ही देश भारत और पाकिस्तान नाम के दो मुल्कों में विभाजत भी हो गया। 30 जनवरी 1948 को एक हिन्दू कट्टरपंथी नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी। बापू की मृत्यु की सूचना देते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू ने सच ही कहा था, “हमारे जीवन की रोशनी चली गयी…”

TAGGED: #152nd Birth Anniversary, #Called Bapu, #Mahatma Gandhi Jayanti, #Mohandas Karamchand Gandhi, #World Non-Violence Day
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

  • नीतीश ने 8 मंत्रियों के साथ ली शपथ, 9वीं बार बने बिहार के सीएम, देखे मंत्रियों के लिस्ट…
  • ED से 10वां समन मिलते ही देर रात दिल्ली रवाना हुए CM हेमंत सोरेन
  • बिहार में भाजपा के समर्थन में नई सरकार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उप मुख्यमंत्री पद का लेंगे शपथ…
  • बिहार में बीजेपी समर्थन से 9वीं बार शपथ को तैयार नीतीश कुमार, सबसे ज्यादा बार शपथ लेने का होगा बड़ा रिकॉर्ड है
  • ब्रेकिंग न्यूज़: CM नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को सौंपा इस्तीफा, नौंवी बार मुख्यमंत्री पद की लेंगे शपथ

Categories

You Might Also Like

Big BreakingHD SpecialPatnaPolitics

नीतीश ने 8 मंत्रियों के साथ ली शपथ, 9वीं बार बने बिहार के सीएम, देखे मंत्रियों के लिस्ट…

By sweetysharma
HD SpecialJharkhand

ED से 10वां समन मिलते ही देर रात दिल्ली रवाना हुए CM हेमंत सोरेन

By sweetysharma
ChapraHD SpecialNationalUncategorised

छपरा में 45 वी जूनियर बालिका नेशनल हैंडबॉल प्रतियोगिता में 27 राज्य के 500 से अधिक खिलाड़ी हुए शामिल

By sweetysharma
BreakingHD ExclusiveHD SpecialPatnaPolitics

राहुल के बिहार में एंट्री से पहले टूट जाएगी कांग्रेस? पूर्णिया की मीटिंग में नहीं आए आधे विधायक, 13 के फोन नॉट रिचेबल!

By sweetysharma

About us

The HD News is a Renowned News & Media organization operated from Bihar & Jharkhand. Read latest hindi news, political news, and various articles in entertainment, gadgets, health and technology. Subscribe to our news portal for daily news updates.

Facebook Twitter Instagram Youtube Whatsapp
Company
More Info

Sign Up For Free

Subscribe to our newsletter and don't miss out on our programs, webinars and trainings.

Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?