द एचडी न्यूज डेस्क : भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले लोक कलाकार भिखारी ठाकुर के साथ काम कर चुके रामचंद्र मांझी चर्चित लोक कलाकार रहे हैं. 94 वर्ष की उम्र में उन्हें केंद्र सरकार ने सोमवार को पद्मश्री अवार्ड देने का ऐलान किया तो उनकी आंखें छलक आईं. खबर फैलते ही छपरा में लोक कलाकारों के साथ लोगों ने उनके घर पहुंचकर बधाइयां दी.
वहीं भोजपुरी फिल्म के सुपर स्टार खेसारी लाल यादव ने ट्वीट कर रामचंद्र मांझी को पद्मश्री सम्मान मिलने पर खुशी जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि लौंडा नाच की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले रंगमंच के कलाकार और छपरा निवासी रामचंद्र मांझी को पद्मश्री सम्मान बिहार के लिए गर्व कि बात है. ये अवॉर्ड उनके लिए ज़बाब है जो लौंडा नाच को लेकर बिहार में इतनी नकरात्मकता फैला दिए है कि अब न के बराबर लौंडा नाच होता है.
भिखारी ठाकुर के शिष्य लोक कलाकार रामचंद्र मांझी सारण जिले के नगरा, तुजारपुर के रहने वाले हैं. मांझी को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड 2017 से भी नवाजा जा चुका है. उन्हें राष्ट्रपति ने प्रशस्ति पत्र के साथ एक लाख रुपए की पुरस्कार राशि भेंट की थी. रामचंद्र मांझी 94 वर्ष के होने पर भी आज मंच पर जमकर थिरकते और अभिनय करते हैं. लौंडा नाच के लिए प्रसिद्ध भिखारी ठाकुर की मंडली के अंतिम कलाकार रामचंद्र मांझी ने बताया कि उन्होंने भिखारी ठाकुर के दल में 10 वर्ष की उम्र में ही इंट्री पा ली थी. 1971 तक भिखारी ठाकुर के नेतृत्व में काम किया और उनके मरणोपरांत गौरीशंकर ठाकुर, शत्रुघ्न ठाकुर, दिनकर ठाकुर, रामदास राही और प्रभुनाथ ठाकुर के नेतृत्व में काम कर चुके हैं.
लोक कलाकार को सरकार ने दिया बड़ा सम्मान
मांझी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके जैसे लोक कलाकार को सरकार ने बड़ा सम्मान दिया है. केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी द्वारा इसके पूर्व रामचंद्र मांझी को लोक रंगमंच पुरस्कार हेतु चयनित किया गया था. यह अकादमी पुरस्कार 1954 से हर साल रंगमंच, नृत्य, लोक संगीत, ट्राइबल म्यूजिक सहित कई अन्य क्षेत्रों में दिया जाता है. जिसके लिए हर साल देश भर से कलाकारों का चयन होता है.