रांची : भाकपा राज्य कार्यालय के सभागार में आज हिंदी साहित्य जगत के प्रख्यात आलोचक आजीवन कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य डॉ. खगेंद्र ठाकुर की दूसरी पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया. साथ ही उनके तैल्यचित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई. उसके बाद श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कार्यालय सचिव सह जिला मंत्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि डॉ. खगेंद्र ठाकुर का जीवन एक खुली किताब है. उन्होंने अपने जीवन काल में कई पुस्तके लिखी, जो देश में व्याप्त सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में व्यापत कुरीतियों को दर्शाता है कि ठाकुर ने अपने जीवन काल में कई पत्र, पत्रिकाओं और अखबारों में संपादकीय की भूमिका निभाई. कई नए लेखकों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. साहित्य जगत में तो खालीपन महसूस हुआ ही, साथ ही साथ कम्युनिस्ट आंदोलन को भारी नुकसान उठाना पड़ा. बौद्धिक जगत में वेबाक टिप्णी के लिए विख्यात थे. बिहार श्रमिक पत्रकार यूनियन विश्विद्यालय शिक्षक जैसे संगठनों से जुड़े हुए थे. उनका जीवन सरल और सादगी से भरा हुआ था. हमेशा समाज के लिए चिंतित रहने वाले सख्श थे. झारखंड उनकी जन्मभूमि थी. डॉ खगेंद्र ठाकुर का जीवन हमेशा प्रेरणा देता रहेगा.
श्रद्धांजलि सभी में अपनी बात रखते हुए राजद के राजेश यादव ने कहा कि खगेंद्र ठाकुर ने देश में झारखंड का नाम रौशन किया है. श्रमजीवी पत्रकार संघ के संयोजक सुनील सिंह ने कहा कि खगेंद्र ने कई युवा पत्रकारों को लेखनी में सहयोग प्रदान किया और समाज के प्रति पत्रकारों के दायित्व के बारे में सोचने के लिए प्रेरीत किया. श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से मेहुल मृगेंद्र, पॉवेल कुमार, मनोज श्यामल, श्रमिक पत्रकार संघ के सुनील सिंह, मनोज, अमरेश, संजीत ओवीसी मोर्चा के नागेंद्र चौधरी और राहुल वर्मा बाटुल सहित कई लोग शामिल हुए.
गौरी रानी की रिपोर्ट