द एचडी न्यूज डेस्क : हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का पावन व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है. पति-पत्नी के बीच का यह व्रत सुहाग और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है. सुहागन महिलाओं इस दिन पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. करवा चौथ व्रत चांद के दर्शनों के बाद तोड़ा जाता है. महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत तोड़ती हैं और इसबार करवा चौथ पर बेहद खास संयोग बनने जा रहा है.
ज्योतिषों के अनुसार, इस बार रोहिणी नक्षत्र में करवा चौथ की पूजा की जाएगी. रोहिणी चंद्रमा की पत्नी हैं और रविवार को यह पर्व पड़ने के कारण सूर्य देव की भी कृपा प्राप्त होगी. इस शुभ संयोग में करवा चौथ का पूजन किया जाएगा.
मान्यता है कि आज सच्ची निष्ठा से व्रत किया जाए तो माता पार्वती सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. करवा चौथ का व्रत चंद्र दर्शन कर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूर्ण माना जाता है.
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का अधिक महत्व होता है. इस दिन व्रती स्त्रियों को चंद्रमा का बेसब्री से इंतजार रहता है. आज के दिन चंद्र दर्शन करना जरूरी होता है. भारत के सभी राज्यों में चंद्रमा अलग-अलग समय पर उदित होता है. इस समय में ज्यादा फर्क नहीं होता है. चंद्रमा उदित होने के समय में केवल 2-3 मिनट का अंतर होता है. माना जा रहा है कि इस साल व्रती स्त्रियों को चंद्रमा अधिक इंतजार नहीं करवाएंगे. इस साल 08 बजकर 11 मिनट पर देश के लगभग सभी राज्यों में चंद्र दर्शन हो जाएंगे. जानिए करवा चौथ से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी-
पूजा का शुभ मुहूर्त-
- 24 अक्टूबर शाम को 6 बजकर 55 मिनट से रात्रि 8 बजकर 51 मिनट तक
पूजन का समय- करवा चौथ पूजन का जानिए अमृत मुहूर्त
●अमृत मुहूर्त: 10:40 से 12:05 तक कुलदेवता/ कुलदेवी पूजन
●शुभ मुहूर्त: 1:29 से 2:54 तक शिव परिवार पूजन
●सायं: शुभ मुहूर्त- 5:43 से 7:18 तक करवा चौथ कथा पूजन
●अमृत मुहूर्त: 7:18 से 8:54 तक – इंद्र इंद्राणी, चंद्र पूजन