पटना: जीतन राम मांझी के एक पोस्ट से बिहार की राजनितिक गलियारों में हलचल मच गई है. आपको बतादे की जितन राम मांझी ने अपने अपने एक्स अकाउंट (ट्विटर हैंडल) पर उन्होंने तीन भाषाओं में एक लिखा है. आखिर इस पोस्ट का मतलब क्या निकल जाए यह पोस्ट पढने के बाद आब खुद समझ जायेंगे. लेकिन उन्होंने तीन भाषाओं में एक कहावत पोस्ट की है, जिससे कहीं ना कहीं बिहार में एक बड़ा बदलाव का संकेत दिख रहा है, यह तो देखने वाली बात है। बैरहाल मांझी के इस पोस्ट से कही न कही नतीजा अस्पस्ट दिख रहा है।
क्या है जीतन राम मांझी के तीन कहावत
इस पोस्ट की अगर बात करें तो जीतन राम मांझी ने जो पोस्ट किये है, जिसमे उन्होंने तीन अलग अलग भाषाओं में तीन कहावत कही है। जिसे आप भी पढ़िए” ( पहला कहावत (बंगला में कहतें हैं, “खेला होबे”) दूशरा कहावत (मगही में कहतें हैं, “खेला होकतो”) तीसरा कहावत (भोजपुरी में कहतें हैं, “खेला होखी”) इन तीन कहाबत के बाद उन्होंने आखरी में ये लिए है। बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं…) मांझी के इस पोस्ट से तो आप समझ ही गए होंगे कि आखिर वो कहना क्या चाहते हैं, जिस तरीके से उन्होंने पोस्ट किये है जिससे कहीं ना कहीं बिहार के सियासत में गहमा गहमी का माहौल बन गया है।
अन्य दलों के नेताओ को नहीं हो रहा हजम
आपको बतादे कि जिस तरीके से सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से लालन सिंह को हटा कर खुद कमान संभल लिए। और फिर आरजेडी के तीन मंत्रियो के विभाग का बदलाव कर दिए है, यह कही न कही बिहार के सियासत में एक अलग ही संकेत दे रहा है। इसके साथ ही अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सुनील कुमार सिंह ने राम का नाम लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिए है। यह अन्य दलों के नेताओ को हजम नहीं हो रहा है, कि आखिर जेडीयू में यह हो क्या रहा है। और अब मांझी के इस पोस्ट के बाद पुरी सियासत में हलचल मच गई है जिसमे इन्होने तिन कहावते लिए है।