Patna: बिहार में नीतीश कुमार से मोहभंग होते ही हम सुप्रीमो जीनतराम मांझी का दर्द झलक उठा है। बुधवार को मांझी मीडिया के सामने खुलकर सामने आए और सीएम नीतीश पर जमकर बरसे। अपने बेटे और पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री संतोष सुमन के इस्तीफे को लेकर मांझी ने कहा कि शराब और बालू को लेकर हमने नीतीश कुमार से कई शिकायतें की थी। लेकिन हमारी नीतीश कुमार ने एक बात नहीं सुनी। वहीं जीतनराम मांझी ने 2015 में सीएम पद से हटाए जाने को लेकर नीतीश कुमार को खूब सुनाया। पूर्व मुख्यमंत्री ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से ये सवाल करते हुए पूछा की बताएं कि हमने क्या गलती की थी जिसकी वजह से मुझे सीएम पद से हटा दिया गया था। उस समय नीतीश कुमार ने जो किया था वो गैरकानूनी था।
मांझी ने कहा कि ललन सिंह के कहने या न कहने से क्या होता है। देखिए यह आप लोग भूल जाते हैं, मालूम नहीं क्यों भूल जाते हैं। हमने सब दिन कहा है कि हम महागठबंधन में नहीं है हम नीतीश कुमार के साथ थे तो नीतीश कुमार के साथ हम हटे हैं। महागठबंधन में हम रहे या ना रहे यह जो कहता है यह फालतू बात करता है। महागठबंधन में कब थे? मांझी ने कहा कि 23 के बाद आप लोग देखिएगा कि हम क्या करते हैं।
मांझी ने बताया कि मैं मुख्यमंत्री था, इस नाते मैं संगठन का नेता था, कोई भी बैठक बुलाने का अधिकार था, मैंने 19 फरवरी 2015 को बैठक बुलाई थी। लेकिन अचानक नीतीश कुमार ने शरद यादव को मिलाकर हमें मुख्यमंत्री पद को लेकर हटाने की पूरी कोशिश की गई और नीतीश कुमार ने 13 फरवरी को गैर कानूनी तरीके से बैठक बुला ली। मुझे कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। जीतन राम मांझी ने ललन सिंह के छोटी दुकान का जवाब देते हुए तो उन्होंने कहा कि हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन वह क्या बोलते हैं उनसे फर्क नहीं पड़ता हमारे लोग लगातार कह रहे थे कि आप निश्चित कुमार से अलग हो जाए हमने फैसला ले लिया है और अब आगे का फैसला 18 जून को लिया जाएगा।
जीतनराम मांझी ने कहा कि मैं जहां भी गया जनता ने हमको इजाजत दिया कि अब नीतीश कुमार के साथ आपको नहीं रहना है जिसके बाद हमने यह फैसला लिया है। खास करके मर्ज करने को लेकर जो प्रस्ताव आया था उसका विरोध किया गया था। हमने शुरू से ही तय कर लिया है कि हमारी पार्टी किसी में मर्ज नहीं होगी हमारी पार्टी स्वतंत्र रूप से काम करेगा। इसके बाद भी वो लोग दवाब बनाते रहे इसके बाद कल संतोष सुमन ने इस्तीफा दिया।