रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आज लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर रांची स्थित कांग्रेस भवन में एक कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें नमन किया गया. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ. राजेश गुप्ता छोटू, जगदीश साहु और नेली नाथन समेत अन्य नेताओं ने सरदार बल्लभ भाई पटेल और इंदिरा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि सरदार पटेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया. इस संगठन को देश की राष्ट्रीय एकता-संप्रभूता के लिए खतरा बताया था. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि जिस दिन देश की सत्ता पर संघ की विचारधारा के लोग काबिज हो जाएंगे, देश की एक-एक संस्थान को बेच देंगे. कर्मचारियों को बाहर कर देंगे, किसानों को प्रताड़ित करेंगे. युवा बेरोजगार हो जाएंगे और उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी. शिक्षण संस्थानों को बर्बाद कर देंगे. देश की आर्थिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न कर देंगे, आज यह सब सत्य होता दिखाई पड़ रहा है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि इंदिरा गांधी को भारत की आयरन लेडी के नाम से ही जाना चाहते हैं उन्हें कड़े फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री के रूप में भी जाना जाता है वह एक ऐसी महिला थी जिसने न केवल भारतीय राजनीति बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी अपनी पहचान बनाई. प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने प्रशासन से ज्यादा केंद्रीकरण किया बचपन से ही अपने घर पर राजनीतिक माहौल देखा था, स्वतंत्रता आंदोलन में भी अपने पिता के साथ सक्रिय रहीं.
डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा किदेश की एकता अखंडता को लेकर इनका योगदान देश कभी भूल नहीं सकता है. राष्ट्रवाद को लेकर देश को इन्होंने एक नई राह दिखाई. किसी ने भी अगर हिन्दुस्तान की तरफ नजर उठाकर देखा तो बिना देर किये हुए उसे सबक दिखाने का काम किया है और देश को उंचाई के पटल पर रखा. किसान, गरीब, शिक्षा, तकनीक हर क्षेत्र में देश आत्म निर्भर बना. दिवंगत नेताओं ने कभी किसी को छोटा नहीं किया, जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री सबको छोटा करने में गौरवान्वित महसूस करते हैं. देश के नवनिर्माण में हर पीढ़ियों ने अपना योगदान दिया है, जिस देश कभी भूल नहीं सकती है.
जगदीश साहु ने कहा कि उन दोनों जैसा शख्सियत बिरले पैदा होते हैं. उनका मूलमंत्र अनुशासन और गरीबों के प्रति हमदर्दी आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं. हरितक्रांति के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाने का उनका संकल्प और मजबूत इरादा का प्रतिफल यह है कि देश आज अनाज के अटूट भंडारों से भरा पडा है. पटेल जी के अविस्मरणीय योगदान का नतीजा है कि देश एक है और एक साथ चल रहा है.
सेवा दल की अध्यक्ष नेली नाथन ने दोनों महान विभूतियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सवेरा होते ही यह देश इन्हें आदर के साथ याद करता है. बैंकों का राष्ट्रीकरण, कोयला उद्योगों का जाल बिछाना, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में श्रीमती गांधी ने पूरी दुनिया में अपना लौहा मनवाया. इस अवसर पर मुख्य रूप से फिरोज रिज्वी मुन्ना, जितेन्द्र त्रिवेदी, देवजीत देवघरिया, सोनी नायक, छोटू सिंह, मो. अख्तर, नरेन्द्र कुमार गोपी, उमाशंकर भगत, धमेन्द्र सिंह, नरेन्द्र सिंह, गणेश सिंह, सुरेन कुमार, अजय कुमार एवं लाल विभव नाथ शाहदेव ने आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित किया.
गौरी रानी की रिपोर्ट