रांची : झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान झारखंड सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है. झारखंड सरकार अब बिना ओबीसी आरक्षण के ही पंचायत चुनाव कराएगी. झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग और पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने विधानसभा में रामचंद्र चंद्रवंशी के ध्यानाकर्षण सवाल का जवाब दे रहे थे. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि चुनाव रोकने से केंद्र से आवंटन नहीं मिलेगा. झारखंड सरकार आरक्षण के लिए आयोग गठित करेगी, और अब बिना ओबीसी आरक्षण के ही पंचायत चुनाव कराएगी. मंत्री आलमगीर आलम ने आगे कहा कि आरक्षण का मामला संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि पिछड़े को 27 प्रतिशत आरक्षण देंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा ने आरक्षण का प्रतिशत क्यों नहीं बढ़ाया.
विभाग ने भेजी थी चुनाव कराने की अनुशंसा
झारखंड में पंचायती राज विभाग निर्वाचन आयोग को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के लिए अनुशंसा भेज चुका है. ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि अब आयोग को तय करना है कि चुनाव कब और कैसे कराना है. इसके बाद व्यापक स्तर पर राजनीतिक दलों के लोगों ने पंचायत चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी थीं.
पेसा कानून की अड़चन भी
विधि विभाग के सूत्रों ने बताया कि है कि झारखंड में पंचायत चुनाव को लेकर सरकार की ओर से अभी तक कोई फाइल नहीं आई है. लेकिन पेसा एक्ट को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है, जो पंचायत चुनाव में इसके प्रविधानों को लागू किए जाने पर विचार कर रही है. चुनाव कराने के पूर्व इस कमेटी के सुझावों पर सरकार और निर्वाचन आयोग भी विचार करेगी. ज्ञात हो कि पेसा एक्ट के तहत अनुसूचित इलाकों में पंचायत चुनाव नहीं कराया जा सकता है. झारखंड में अभी तक पेसा एक्ट अधिसूचित नहीं है.
गौरी रानी की रिपोर्ट