रांची : झारखंड सरकार ने राज्य में स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है. प्राईवेट स्कूल चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) की झारखंड इकाई ने आज रांची में आभार बैठक कर 9वीं से लेकर 12वीं तक विद्यार्थियों के लिए ऑफलाइन क्लास शुरू करने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार का शुक्रिया अदा किया है. पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे की अध्यक्षता में हुई आभार बैठक में राज्य के लाखों अभिभावकों और विद्यार्थियों के हित में फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तथा वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव तथा शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो व आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता के प्रति आभार व्यक्त किया है.
राजधानी रांची में हुई आभार बैठक को संबोधित करते हुए पावसा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि कोरोना काल में करीब 16 महीने से बंद स्कूलों को खोलने का निर्णय विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. इस संबंध में पासवा और प्राइवेट स्कूल संचालकों के एक शिष्टमंडल ने 23 जुलाई को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर एक ज्ञापन भी सौंपा था. मुख्यमंत्री ने उसी दिन इस संबंध में शिक्षा विभाग के सचिव को आवश्यक निर्देश लेने का निर्देश दिया था और अब राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की हुई बैठक में इस मसले पर गहन विचार-विमर्श के बाद 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया.
उन्होंने कहा कि अभी हाई स्कूलों में सिर्फ 9वीं से 12वीं कक्षा संचालन की ही अनुमति दी गई है, इसलिए स्कूल प्रबंधन से यह आग्रह है कि सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखने के लिए एक क्लास में सीमित संख्या में बच्चों को बैठाकर पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. साथ ही प्रतिदिन सैनिटाइजेशन और साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान रखा जाए. इसके अलावा सभी शिक्षकों और स्कूल आने वाले कर्मचारियों का वैक्सीनेशन भी सुनिश्चित हो.
आलोक कुमार दूबे ने बताया कि मुख्यमंत्री से पिछले दिनों प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने पूर्ववर्ती रघुवर दास शासनकाल में स्कूल को मान्यता दिए जाने के संबंध में जमीन को लेकर लिए गए निर्णय को भी निरस्त करने की मांग की थी, सरकार से यह उम्मीद है कि जल्द ही इस मसले पर भी निर्णय लेकर राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों को बढ़ी राहत देगी.
इस बैठक में अभिभावक संघ के भी कई प्रतिनिधि मौजूद थे. संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे सरकार के इस निर्णय के साथ है और इस फैसले का स्वगात करते है. स्कूलों में अभी सीमित संख्या के साथ अलग-अलग क्लास की व्यवस्था कर पढ़ाई शुरू हो रही है, इसलिए बच्चों के बेहतर भविष्य को देखते हुए वे अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेजेंगे.
पासवा की ओर से सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए एक गाइडलाइन भी जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि अभी स्कूलों के प्ले ग्राउंड का इस्तेमाल नहीं होगा, लैब भी बंद रहेंगे और बच्चे एक-दूसरे का टिफिन शेयर नहीं करेंगे. साथ ही फिलहाल किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम या अन्य समारोहों का आयोजन नहीं होगा, सभी बच्चों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को मास्क, सैनिटाइजर, पानी की बोतल और गल्ब्स इत्यादि सभी जरूरी सामान लेकर आना होगा, वैसे स्कूल जो कोरेनटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल हो चुके हैं उन्हें पूरी तरह से सैनिटाइज करना आवश्यक होगा, थर्मल स्क्रीनिंग और पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था सभी स्कूलों को करनी होगी.
पासवा की ओर से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी सभी गाइडलाइन का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है और जिला इकाई के माध्यम से प्रखंडों में संचालित स्कूलों की भी मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके अलावा राज्यस्तर पर भी एक मॉनिटरिंग सेल का गठन किया जा रहा है, जो किसी भी समस्या के समाधान की दिशा में आवश्यक पहल करेगी. आलोक दूबे ने सभी स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि पठन पाठन के अलावा कोई काम नहीं होगा और बच्चों की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. आलोक दुबे ने कहा की पासवा और अभिभावकों का एक प्रतिनिधिमंडल कल से स्कूलों का दौरा कर बच्चों के पठन-पाठन की स्थिति की समीक्षा भी करेगी. बैठक में अभिभावकों के प्रतिनिधियों ने राज्य के सभी अभिभावकों से स्कूल की फीस देने का अनुरोध किया है.
बैठक का संचालन प्रदेश पासवा के रीतेश थापा ने किया. पासवा की ओर से बैठक में विचार रखने वालों में उपाध्यक्ष सह स्कूल संचालक अरविन्द कुमार, संजय कुमार, एसके तामंग, आलोक बिपीन टोप्पो, नवनीत प्रधान, सुमन तामंग, सरोज पांडेय और सागर छेत्री, जबकि अभिभावकों की ओर से सुषमा हेम्ब्रम, विनीता पाठक, राखी कौर, करिश्मा बाखला, कुमुद रंजन, प्रवीण कुमार, आरती छेत्री और बबीता थापा ने अपनी बात रखी.
गौरी रानी की रिपोर्ट