रांची : झारखंड में पिछले तीन दिनों के अंदर कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इस अवधि में राज्य में कुल 270 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं. वहीं, पिछले चार दिनों में कोरोना के संक्रमण ने राज्य भर में सात लोगों की जान ली है. इस तरह राज्य में कोरोना से अब तक कुल 22 मौतें हो चुकी हैं. झारखंड में कोरोना का आंकड़ा 3000 के पार पहुंच गया है. मंगलवार को यहां 155 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं. राज्य में संक्रमितों की संख्या 3032 हो गई है.
जबकि, दो संक्रमितों की मौत हो गई है. दोनों ही धनबाद के हैं. एक की मौत रिम्स में हुई है, जबकि दूसरे की मौत धनबाद के कोविड अस्पताल में हुई है. इस तरह अब तक झारखंड में कोरोना से कुल 22 लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरी ओर मंत्री मिथिलेश ठाकुर और विधायक मथुरा महतो भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं. ठाकुर को रिम्स के कोविड अस्पताल में जबकि महतो को धनबाद के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
ठाकुर की तबीयत सोमवार से ही खराब थी. मंगलवार को उन्होंने रिम्स में अपना सैंपल जांच के लिए दिया था. शाम को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जानकारी के अनुसार, तीन जुलाई को उन्होंने गृह प्रवेश की पार्टी दी थी, जिसमें मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री, विधायक व अफसर शामिल हुए थे. कहा जा रहा है कि इन सभी को कोरेंटिन में जाना होगा. रांची जिला प्रशासन आमंत्रित अतिथियों की सूची की जांच कर रहा है.
पूर्वी सिंहभूम से 58 और रांची से 20 संक्रमित मिले
जुलाई माह में यह अब तक का सबसे अधिक 155 केस मंगलवार को मिले हैं. दो जुलाई को 109 संक्रमित मिले थे. मंगलवार को सबसे अधिक 58 संक्रमित पूर्वी सिंहभूम से मिले हैं. वहीं, रांची 20, धनबाद 25, रामगढ़ 28, हजारीबाग छह, कोडरमा सात, लोहरदगा तीन, पलामू दो, देवघर तीन, गढ़वा, लातेहार व सिमडेगा में एक-एक संक्रमित मिले हैं. नए संक्रमितों को लेकर राज्य में अब तक कोरोना के 3032 मरीज मिल चुके हैं. इनमें से 22 की मौत हो चुकी है, जबकि कुल 2104 संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं. इस समय राज्य में कोरोना के कुल 906 एक्टिव केस हैं.
पाबंदियों का यही है सही वक्त
रिम्स कोविड-19 अस्पताल के टास्क फोर्स में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि अनलॉक होने के बाद लापरवाही बढ़ गई है. जबकि, पाबंदियों का यही सही वक्त है. सरकार ने जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए थोड़ी ढील दी, तो लोग इसका गलत उपयोग फायदा उठाने लगे हैं. दोपहिया वाहनों पर दो-तीन लोग सवार हो रहे हैं. वहीं, चारपहिया वाहन में पांच से ज्यादा लोग बैठ रहे हैं. सड़कों और बाजारों में घूम रहे 25 प्रतिशत लोग बिना मास्क के नजर आ रहे हैं. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सोशल डिस्टैंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है. इसी लापरवाही का नतीजा है कि पहले 25 से 30 सैंपलों की जांच में एक या दो संक्रमित मिलते थे, लेकिन अब उतने ही सैंपलों की जांच में पांच से छह संक्रमित मिलने लगे हैं. अगर लोग सतर्क नहीं हुए, तो झारखंड में कारोना बेकाबू हो सकता है.